Image

राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का मनाया गया बलिदान दिवस

Spread the love

“शहीदों की चिंताओं पर लगेंगे हर बरस मेले , वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा”
” मैं मरने नही जा रहा हूँ बल्कि आजाद भारत मे पुनर्जन्म लेने जा रहा हूँ ” – यह शब्द थे शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी जी के

गोंडा , उत्तर प्रदेश – देश को आजादी के लिए अपनी जान को हसंते हंसते फाँसी के फंदे को चूमने वाले राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का आज गोंडा जिले में पूरे सम्मान के साथ बलिदान दिवस मनाया गया। उन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अंग्रेजी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जिस हिम्मत और साहस का परिचय दिया वो आज हमारे देश के युवा वर्ग के लिए प्रेरणा श्रोत है। बंगाल के पबना जिले के मोहन पुर गाँव के रहने वाले राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का जन्म 23 जून 1901 में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने के लिए संसाधन व पैसों के आभाव में पड़ी हुई लड़ाई को खड़ी करने के लिए एक योजना बनाई जिसमे अशफाकउल्ला खां ,रामप्रसाद {बिस्मिल} ,ठाकुर रोशन सिंह मुख्य भूमिकार बने । योजना बनाने के बाद 9 अगस्त 1925 को अपने काम को अंजाम दिया जिसे हम काकोरी कांड से जानते है।

इन चारों महानायकों को काकोरी कांड में अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी की सजा सुनायी जिसके बाद महज 27 साल की उम्र में राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को 17 दिसम्बर 1927 को सुबह चार बजे गोंडा जेल में फांसी दे दी गयी —-वहीं 19 दिसम्बर को अशफाकउल्ला खाँ ने भी यह कहते हुए फैजाबाद जेल में फाँसी दे दी गयी ।वहीं फांसी का फंदा चूमते कही हुई यह शायरी आज भी जेल की दीवारों पर कैद है । ” सर फरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है , देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है। ” वहीं गोरखपुर,व इलाहाबाद जेल में रामप्रसाद बिस्मिल व ठाकुर रोशन सिंह को फाँसी दी गयी।

सीने में दहकती आजादी की चिंगारी को लिए राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने फांसी के फंदे को हस्ते हस्ते गले लगाया —की मैं मरने नहीं जारहा हूँ बल्कि एक आजाद भारत के लिए पुनर्जन्म लेने जारहा हूँ आज उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में जिस जेल में फांसी दी गयी उसी जेल में आज उनका बड़े धूम धाम से बलिदान दिवस मनाया गया । सम्मान देने के लिए, मंडलायुक्त जिला जज, जिलाधिकारी ,पुलिस अधीक्षक व समस्त अधिकारी मौजूद रहे जिसके बाद हवन का आयोजन किया गया और पुलिस बैंड के साथ पीएसी गोंडा द्वारा भी सलामी दी गयी और सभी अधिकारियों ने प्रतिमा का माल्यार्पण किया गया साथ ही साथ राष्ट्रगान पेश किया गया। इस बलिदान दिवस के अवसर पर स्थानीय अवकाश होता है जिससे लोगों में व स्कूलों में उत्सव का माहौल रहता है।

लेकिन जो सपना हमारा देश के क्रांतिकारियों ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देखा था और उसके लिए अपने प्राणों की आहूति दी, उसको आज के नेताओं ने अपने नज़रों से दूर कर दिया , जिसका अंदाज़ा आप इस बात से लगाया जा सकता है जिले का एक भी जनप्रतिनिधि (विधायक ) और सांसद इस कार्यक्रम में नही पहुँचा, जबकि जिले में दो सांसद 7 विधायक और एक एमएलसी रहते हैं , लेकिन एक भी माननीय ने कार्यक्रम में पहुँचकर श्रद्धांजलि देने की अहमियत नही समझी।


Spread the love

Releated Posts

गांव चलो अभियान को पूरी ताकत से सफल बना रहे हैं कार्यकर्ता – सुधांशु शुक्ला

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News अमेठी , उत्तर प्रदेश – भाजपा का गावं चलो अभियान 273 शक्ति…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaApr 12, 2025

स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम के लिए किया गया जनसंपर्क

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News अमेठी , उत्तर प्रदेश – स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत पीएम…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaApr 12, 2025

रेलवे स्टेशन अधीक्षक की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News सरसावा, उत्तर प्रदेश – 29 मार्च शनिवार को सरसावा रेलवे स्टेशन पर…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaApr 11, 2025

बिंद समाज ने आयोजित किया होली मिलन समारोह

Spread the love

Spread the love‌‌NEWS BY: Pulse24 News गाजीपुर , उत्तर प्रदेश – गाजीपुर में बिंद समाज के होली मिलन…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaMar 24, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *