News By:Pulse24 News Desk
छुरिया , छत्तीसगढ़ – ग्राम झाड़ीखैरी के सरपंच पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के खिलाफ कार्यवाही को लेकर ग्रामीण अड़ गए हैं।
सुबह से रात तक अपनी मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय के गेट पर धरने पर बैठे गए हैं।
जनपद पंचायत छुरिया के ग्राम झाड़ीखैरी में ग्रामीणों ने सरपंच पर एक के बाद एक कई गबन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं l ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच के द्वारा 14वे और 15वे वित्त के मद में गलत तरीके से मस्टररोल और फर्जी हाजरी भरकर रुपयों का व्यय किया गया है l
सरपंच ने अपने फायदे के लिए शासकीय मद का दुरुपयोग किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया निर्माण, फर्जी हाजरी, नाबालिक स्कूली बच्चे के नाम से हाजरी जैसे अनेक मामलों की शिकायत जनपद पंचायत सीईओ, कलेक्टर एवं मंत्री से की जा चुकी है l कई बार शिकायत के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही सरपंच पर नही हुई है।
मामले को लेकर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कोर्ट तक की है, वहीं ग्रामीणों की मानें तो कोर्ट द्वारा एक माह में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था l इसके बाद भी न कोई जांच नहीं हुई और कोई कार्यवाही। इसको लेकर एसडीएम कार्यालय का घेराव किया गया l
ग्रामीणों ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जो कॉपी निकली गई है उसमें स्पष्ट है कि सभी शिकायत में जांच हुई है l जांच के बाद सरपंच को दोषी पाया गया है लेकिन उसके बाद भी कोई एक्शन नही हुआ है l
ग्रामीणों का कहना है कि जब शिकायत के बाद जांच में दोषी पाया गया तो अधिकारी सरपंच पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं l क्या पूरा प्रशासन भ्रष्ट हो गया है, तीन साल से लगातार आवेदन , निवेदन किया गया किया जा रहा पर कोई कार्यवाही न होने से अधिकारियों पर उंगली उठाना हमारी मजबूरी है l
झाड़ीखेरी, छुरिया जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्रामीण पहुंचे जिसमे चंदशेखर साहू, बसंत कुमार, पंचराम विश्वकर्मा, कमलेश कुमार, संतोष तारम, हुलेश अर करा, गोलु साहू, कुमारी बाई, प्रीति साहू, पार्वती पाल, सविता विश्वकर्मा, दुर्पत कोराम, बसंता साहू, बिसराम तारम, दयालु तितरम, हिरदे साहू, हुमन मंडावी, रूपेंद्र पडौती, सोमेश्वर पाल सहित अन्य ग्रामीण बड़ी संख्या में एसडीएम कार्यालय पहुंचे।
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ग्राम झाड़ीखैरी जनपद पंचायत छुरिया के ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर एसडीएम कार्यालय आए थे क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस वजह से इस संबंध में कुछ बोला जाना उचित नहीं होगा तथा ग्रामीण से आवेदन लेकर उसके आधार पर न्यायालय में कार्रवाई की जाएगी।