NewsBy-Pulse24 News Desk
देहरादून- राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के समर्थन में आज सचिवालय का घेराव किया गया। मोर्चा के प्रभारी विक्रम सिंह रावत के नेतृत्व में यह विशाल रैली परेड ग्राउंड से शुरू होकर सचिवालय तक पहुंची। करीब 10,000 से अधिक शिक्षक और कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हुए, जिनकी एकमात्र मांग है – पुरानी पेंशन योजना की बहाली। रावत ने कहा कि अगर सरकार 2027 से पहले ओपीएस को बहाल नहीं करती, तो वह सरकार को चैन से नहीं बैठने देंगे।
रावत ने 2024 के लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले सरकार को कर्मचारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की अनदेखी का असर चुनावों में साफ नजर आएगा।
कर्मचारी संघों का बढ़ता दबाव
राज्य के कर्मचारी संघों ने फिर से सरकार पर ओपीएस की बहाली का दबाव बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि 29 जून 2004 से लागू नई पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है और इसे काला कानून करार दिया गया है। संघों का मानना है कि पुरानी पेंशन योजना से मिलने वाली वित्तीय सुरक्षा एनपीएस में नहीं है।
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गढ़वाल-कुमाऊं से जुटे हजारों कर्मचारी
रैली में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई जिलों – पौड़ी, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हल्द्वानी, और उधमसिंह नगर से करीब 10,000 अधिकारी और शिक्षक शामिल हुए। मोर्चा का कहना है कि देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था के चलते सरकार के लिए ओपीएस बहाल करना कठिन नहीं होना चाहिए।