NewsBy-Pulse24 News Desk
अकोला महाराष्ट्र- अकोला पश्चिम में भाजपा के अंदर असंतोष और बगावत की आवाज़ें बढ़ती जा रही हैं। पहले से ही अशोक ओलंबे और हरीश आलिमचंदानी जैसे नेताओं के बगावती रुख ने भाजपा की नींद उड़ा दी थी। इन नेताओं ने भाजपा की नीतियों और उम्मीदवारों के चयन को लेकर कड़ी आलोचना की थी, जिससे पार्टी में आंतरिक कलह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। अब इस राजनीति में राजेश मिश्रा ने भी अपना मोर्चा खोलते हुए भाजपा के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
हाल ही में विजय अग्रवाल को अकोला पश्चिम से भाजपा का उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन उनकी उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में नाराजगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के अंदरूनी मतभेद और असंतोष बढ़ता जा रहा है, खासकर उनके नाम की घोषणा के बाद। पार्टी में कई कार्यकर्ता और नेता इस निर्णय से खुश नहीं हैं, और वे लगातार इसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। इसी बीच, आज मूर्तिजापुर में भाजपा द्वारा आयोजित एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब विजय अग्रवाल के नाम की जगह वसंत खंडेलवाल का नाम लिया, तो यह मुद्दा और भी तूल पकड़ गया। योगी आदित्यनाथ द्वारा एक उम्मीदवार का नाम लेने के बाद दूसरा नाम लिया जाना भाजपा के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गया और इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए।
यह भाषण और गलती भाजपा के अंदर चल रही नाराजगी को और बढ़ा गई है। विजय अग्रवाल की उम्मीदवारी अब सवालों के घेरे में है, और इस घटनाक्रम ने अकोला पश्चिम में भाजपा के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई अफवाहें भी फैलने लगी हैं, जिनमें यह चर्चा की जा रही है कि पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई।
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विजय अग्रवाल का नाम लिए जाने के बाद हुई यह गलती अब भाजपा के लिए भारी पड़ सकती है। इससे पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं में आक्रोश और असंतोष का माहौल बना हुआ है, जो चुनावी माहौल में पार्टी के लिए और भी मुश्किलें उत्पन्न कर सकता है।