बिहार- जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का बयान : नीतीश सरकार पर बोला हमला

बिहार- जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का बयान : नीतीश सरकार पर बोला हमला

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जन सुराज के सूत्रधार और बिहार को बदलने के संकल्प के साथ पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा के नाम पर होने वाला भारी-भरकम बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है, और इसका सही उपयोग नहीं हो रहा है। प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा करता है और इसके सुधार के लिए उनके गंभीर इरादों को भी दर्शाता है।

शिक्षा पर 50 हजार करोड़ का बजट, लेकिन गुणवत्ता का अभाव
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि हर साल राज्य सरकार शिक्षा विभाग पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद बिहार के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहद खराब है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भारी-भरकम बजट का सही तरीके से उपयोग नहीं किया जा रहा है, और इसका परिणाम यह है कि बिहार के बच्चे आज भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से वंचित हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, “नीतीश सरकार शिक्षा के नाम पर हर साल 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन इस बजट से बिहार के 50 बच्चों को भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। यह बेहद शर्मनाक स्थिति है और यह स्पष्ट करता है कि सरकार शिक्षा के प्रति कितनी उदासीन है।”

खिचड़ी और अनाज का लालच: जनता को गुमराह करने की रणनीति
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि शिक्षा के नाम पर केवल खिचड़ी और अनाज का लालच देकर बच्चों के माता-पिता का ध्यान भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक सोची-समझी रणनीति है ताकि जनता को शिक्षा के महत्व से दूर रखा जा सके और उन्हें बुनियादी जरूरतों के आधार पर गुमराह किया जा सके। उन्होंने कहा, “बिहार के नेता और अधिकारी जानते हैं कि राज्य के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद खराब है, लेकिन इसे सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया जाता। इसके पीछे की असली वजह यह है कि नेता नहीं चाहते कि बिहार के बच्चे पढ़-लिखकर आगे बढ़ें। वे चाहते हैं कि जनता खिचड़ी और 4 किलो अनाज के लालच में फंसी रहे और उन्हें वोट देती रहे। यह सरकार की विफलता और जनता के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है।”

शिक्षा सुधार का जन सुराज का एजेंडा
प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जन सुराज का एजेंडा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जन सुराज सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा पर खर्च हो रहे एक-एक रुपये का उपयोग शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए एक ठोस और व्यापक योजना की आवश्यकता है। उन्होंने ऐलान किया, “जन सुराज की सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बिहार के शिक्षा बजट का हर एक पैसा बच्चों की शिक्षा के लिए उपयोग में लाया जाए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधरे और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।”

प्राइवेट स्कूल की फीस का खर्च उठाने की योजना
प्रशांत किशोर ने यह भी घोषणा की कि जन सुराज सरकार, अगर सत्ता में आई, तो वह 15 साल तक के बच्चों की प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई का खर्च उठाएगी। उन्होंने कहा कि यह कदम बिहार के शिक्षा सुधार के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा और इससे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज सरकार प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे 15 साल तक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी। यह योजना पूरे देश में किसी भी राज्य में अब तक लागू नहीं की गई है। हम बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए यह कदम उठाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।”

जनता से अपील और सरकार की नीतियों पर सवाल
प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता से अपील की कि वे अब नेताओं के खोखले वादों और खिचड़ी-अनाज के लालच में न फंसें। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों का भविष्य शिक्षा में है और इसके लिए जनता को जागरूक होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “मैं बिहार की जनता से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचें और ऐसी सरकार को चुनें जो वास्तव में शिक्षा को प्राथमिकता दे। अगर आप अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर उन्हें एक अच्छा भविष्य देना चाहते हैं, तो आपको उन नेताओं से सवाल करना चाहिए जिन्होंने अब तक आपको केवल लालच देकर वोट हासिल किया है।”

प्रशांत किशोर के इन बयानों ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की खामियों और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका आरोप है कि राज्य का शिक्षा बजट भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है और इसका सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। जन सुराज की शिक्षा सुधार की योजनाओं ने यह संकेत दिया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार की जनता के लिए अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे किस दिशा में कदम बढ़ाती है और अपने बच्चों के भविष्य के लिए किसे चुनती है।


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