रामलीला संस्थान के तत्वाधान में हुआ वन गमन लीला का मंचन

रामलीला संस्थान के तत्वाधान में हुआ वन गमन लीला का मंचन

Spread the love

कोसीकलां , यूपी – श्री रामलीला महोत्सव २०२४-२५ में रामलीला संस्थान कोसी कलां के तत्वाधान में आज दिनांक 08-10-2024 मंगलवार को राजा दशरथ जी के वचन का पालन करने हेतु प्रभु श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण जी 14 वर्ष के वन वास के लिए पैदल निकले।

इस क्षण को देख सभी की आँखें नम थी और आज की पैदल सवारी लाला ग्यालाल स्मृति भवन से सब्ज़ी मंडी, मेन बाज़ार होते हुए भरतमिलाप चौक, तालाब शाही स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर पहुचेगी तथा रात्रि विश्राम के बाद पूर्वासियों को सोता छोड़ कर भगवान राम, माता जानकी जी, लक्ष्मण भैया सहित वन को चल दिए उसके पश्चात आगे की लीला मंचन रामलीला ग्राउंड पर होगा |

आज के कार्यक्रम को अपना आशीष देने श्रीमहंत संत शिरोमणि श्री सुतीक्ष्ण दास जी महाराज, नाभा पीठाधीश्वर आचार्य, सुदामा कुटी, श्री धाम वृंदावन भी पधारे ।आज झांकी के मुख्य-अतिथि श्री शशांक सोनी, श्री जीतू अग्रवाल जी रहे| झांकी के साथ अध्यक्ष अजय मंगला, मंत्री अन्नू वैध, संयोजक अजय गोयंका, समन्वयक हरेंद्र ठाकुर, समस्त श्रृंगारी, मनीष जैन, पिंटू नेता, भगवत श्रृंगारी, मोहन दत्त शर्मा, मनीष गुप्ता, मयंक ठाकुर, राहुल मंगला, अलोक जैन, गौरव अग्रवाल, ऋषि मंगला सी.ए., अमन अग्रवाल, कशिश मिगलानी, अभिनव, पुनीत फालेनिया, दीपक सोनी, हिमांशु अग्रवाल, आशीष ठाकुर, शम्भू चौधरी, मनीष गुप्ता, करन सिंह, कल्पेश जैन, सुनील पारुआ, अभिषेक जैन, सत्येंद्र ठाकुर, आकाश अग्रवाल, जीत मिगलानी, युग भारद्वाज आदि सैंकड़ों लोग मौजूद रहे|

आज श्री रामलीला महोत्सव लीला मंचन से पूर्व तालाब शाही स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर पुरवासियों के साथ मुख्य अतिथि श्री दिलीप अग्रवाल जी बांसईया, तुषार अग्रवाल जी एवं सक्षम अग्रवाल उपस्थित रहे।

तत्पश्चात रामलीला मैदान पर आचार्य श्री मोर मुकुट शास्त्री जी एवं श्री सत्य नारायण पुरोहित के तत्वाधान में वन गमन लीला का मंचन हुआ जिसके मुख्य अतिथि श्री अनिल गोयल जी श्रीजी ट्रांसपोर्ट वाले एवं उनके सहयोगी उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम में समस्त रामलीला संस्थान के पदाधिकारी मौजूद रहे और सभी वन गमन के मंचन से सभी भक्तों की आँखों से अश्रुधारा बह रही थी, ऐसा लग रहा था कि मानो सच में प्रभु वन वास के लिए प्रस्थान कर गए हों

यह भी पढ़ें – नवरात्रि के उपलक्ष्य में खेल मैदान राजा जी का गढ़ में राम लाल की शोभायात्रा, भव्य राम कथा का आयोजन

श्री रामचरित मानस के ये पल इंसान को कुछ ऐसी सीख दे जाते हैं जिससे हमें अपने वचनों का पालन करना और अपने माता पिता की कही हुई बात चाहे वह हमारे अनुकूल हो या नहीं लेकिन हमें उसका पालन करना, ऐसा ही उदाहरण श्री राम जी द्वारा हमें देखने को मिला जो अपने पिता के वचनों का मान रखते हुए सारा राज पाठ त्याग कर वन वास के लिए मुस्कुराते मुस्कुराते चले जाते हैं | हमें आज की लीला से जीवन में त्याग का महत्व सिखाया गया, जिसमे सबसे बड़ा त्याग लक्ष्मण जी और उनकी धर्मपत्नी उर्मिला जी का था |


Spread the love

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *