Pulse24 News Desk
अकोला , महाराष्ट्र – राज्य सरकार लाडली बहन जैसी कई योजनाएं समाज तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है लेकिन जो सबसे ज्यादा मजबूर वर्ग समाज में है , वह दिव्यांग हैं।
अकोला में पिछले दो महीनों से दिव्यांगों को अनुदान न मिलने के कारण महानगर पालिका के सामने ठिय्या आंदोलन किया गया। दिव्यांग संगठन “प्रहार” के सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर जमकर नारेबाजी की और सम्बंधित अधिकारियों का अपनी समस्याओं के प्रति ध्यान आकर्षित करवाया।
राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएँ, जैसे लाडली बहन, समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर दिव्यांगों के कल्याण के लिए बनाई गई हैं। लेकिन जब उन्हें समय पर अनुदान नहीं मिल रहा है, तो उनके लिए आवश्यक सहारा खत्म हो रहा है। इसी कारण आज दिव्यांग आंदोलन करने पर मजबूर हुए।
इस आंदोलन के दौरान, दिव्यांगों ने रक्तदान भी किया, जिससे उन्होंने अपने आक्रोश को व्यक्त किया और समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। आंदोलन लगभग दो घंटे तक चला, जिसके बाद आयुक्त सुनील लहाने ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले दो दिनों में उनके अकाउंट में अनुदान की राशि पहुंचा दी जाएगी, जिसके बाद दिव्यांगों ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर दी।
इस अवसर पर दिव्यांग संगठन के अध्यक्ष मोईन अली, जिला अध्यक्ष मनोज पाटिल, सैयद नूर और प्रहार के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। यह आंदोलन दिव्यांगों के अधिकारों और उनकी जरूरतों के प्रति एक महत्वपूर्ण संदेश देने में सफल रहा।