कुशीनगर। जनपद के जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के दौरान निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के सही निस्तारण का इंतजाम नहीं है। इस अस्पताल से निकलने वाले कचरे को यहां घूम रहे आवारा कुत्ते और अन्य जानवर खा रहे है और यहां वहां फैला रहे हैं। इससे यहां आने वाले लोगों को संक्रमण का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
मंगलवार को जिला अस्पताल के परिसर में पीछे वाली चहारदीवारी के पास यहां से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को अस्पताल प्रशासन ने फेंक दिया गया था। इसमें खून से सना कचरा भी था। इस कचरे को अस्पताल परिसर में घूम रहे अवारा कुत्ते नोच रहे थे और अपने मुंह में लेकर यहाँ वहां फैला रहे थे। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
मेडिकल कॉलेज से निकलने वाले बायोमेडिकल कूड़े के निस्तारण के लिए शासन स्तर से एक कंपनी से अनुबंध किया गया है, जो चिकित्सकीय मानक के अनुरूप इस खतरनाक कूड़े का निस्तारण कर सके। बीते साल के अक्टूबर माह में इस कंपनी का अनुबंध समाप्त हो गया और टेंडर प्रक्रिया से नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया शासन स्तर से की जा रही है। जबतक इस प्रक्रिया से नई कंपनी का चयन या पुरानी कंपनी के अनुबंध का नवीनीकरण नही हो जाता मेडिकल कॉलेज प्रशासन अपने स्तर से कूड़े का निस्तारण कर रहा है। लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की मजबूरी कहें या कर्मचारियों की नजरंदाजी जो इस खतरनाक कूड़े को खुले में फेंक कर संक्रमण और भयानक बीमारियों को न्योता दे रहे हैं।
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आरके शाही ने बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कंपनी के अनुबंध का नवीकरण शासन स्तर से किया जाता है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन यहां से निकलने वाले कूड़े के सही निस्तारण के लिए शासन के मानक का पालन करता है। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो संबंधित के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जायेगी।