हर साल 01 मई को इंटरनेशनल लेबर डे यानी अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को दुनिया भर के श्रमिकों और मजदूरों के योगदान और बलिदानों को सम्मानित करने और यादगार के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन मजदूर भाइयों के अधिकारों और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए किए गए संघर्षों के इतिहास की याद दिलाता है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए हजारीबाग के पकरी बरवाडीह खनन परियोजना में भी एक छोटा सा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर एनटीपीसी और टीएसएमपीएल के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। कर्मियों की संबोधित करने के लिए एनटीपीसी की तरफ से माइंस मैनेजर अरविंद कुमार सिंह और डीजीएम माइंस धीरेंद्र सोनाग्रा मौजूद रहे। अरविंद कुमार सिंह ने खदान में कार्यरत कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हर साल मजदूर दिवस पर एक खास थीम चुना जाता है और इस साल का थीम है जलवायु परिवर्तन के बीच काम करने के स्थान पर श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
उन्होंने बताया कि इस थीम के जरिए मजदूरों और कामगारों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया जायेगा। उन्होंने कर्मियों से आग्रह किया कि आप लोगों का देश के जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए हर कदम पर अपने काम को सुरक्षित पूरा करे। सेफ्टी ट्रेनिंग के दौरान जो बातें बताई गईं है उसका पालन करना चाहिए। काम के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करना जानलेवा बन रहा है। मोबाइल और नींद पर काबू रखें।
एनटीपीसी के डीजीएम माइंस धीरेंद्र सोनाग्रा ने कहा कि कोयला देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन हमें खनन का काम सुरक्षा को ध्यान में रखकर करना चाहिए क्योंकि आप और हम हैं तभी कोयला है। टी एस एम पी एल की तरफ से माइंस मैनेजर पी एस चंदेल ने खदान कर्मियों को इस मौके पर बधाई देते हुए कहा कि आपको और हमे यह सोचना है कि सुरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार है जिसका प्रयोग हम सभी को अपने कंपनी और अपने जान की सुरक्षा के तौर पर उपयोग करना चाहिए। डीजीएम सेफ्टी मलय बेहेरा ने कहा कि हम लोगों को काम के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए। हर दिन यह याद रखना चाहिए कि मेरे किसी काम से दूसरे को नुकसान न पहुंचे। हर किसी की जिंदगी में व्यक्तिगत अनुशासन बहुत जरूरी है। अनुशासन ही हमें कामयाब बनाती है। एजीएम एचआर उत्तम कुमार झा ने खदान कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि सेफ्टी हमारी जिम्मेदारी है इस बात को हमेशा याद रखना है। हम सभी को सुरक्षा के साथ काम करते हुए अपना और अपने देश की रक्षा करना है। बता दें कि भारत में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1923 में चेन्नई से हुई थी। इसके बाद देश के कई मजदूर संगठन ने इसे मनाने की शुरुआत की। इस दिन मजदूरों के सम्मान में पब्लिक होलीडे रहता है।
रिपोर्ट – अशोक बंटी राज