उत्तर-प्रदेश : नकुड़ में एसडीएम के हस्तक्षेप से शुरू हुआ हाईवे निर्माण कार्य, किसानों की सहमति से कब्जा लिया गया

उत्तर-प्रदेश : नकुड़ में एसडीएम के हस्तक्षेप से शुरू हुआ हाईवे निर्माण कार्य, किसानों की सहमति से कब्जा लिया गया

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नकुड़ में हाईवे निर्माण को लेकर चल रहे विवाद का अंततः समाधान हो गया है। तहसील प्रशासन और एसडीएम संगीता राघव के लगातार प्रयासों से किसानों की सहमति से दो किलोमीटर क्षेत्र में कब्जा लेकर हाईवे निर्माण का काम फिर से शुरू हो गया है। शामली-अंबाला हाईवे के निर्माण में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए प्रशासन ने किसानों के साथ संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं का समाधान करने के प्रयास किए।

समस्या की शुरुआत: मुआवजे का विवाद
नकुड़ के ग्राम कलसी और रामराय खेड़ी सहित आसपास के कई गांवों के किसानों ने पिछले कई दिनों से अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर धरना प्रदर्शन किया हुआ था। किसानों का कहना था कि उनकी जमीन को पुराने रिकॉर्ड के अनुसार जंगल ढाक माना जा रहा था, जिसके कारण उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा था। इसी कारण से किसानों ने अपनी जमीन पर हाईवे निर्माण के लिए कब्जा देने से इनकार कर दिया था। किसानों का यह विरोध लगातार बढ़ता गया और हाईवे निर्माण कार्य लगभग ठप हो गया। इस स्थिति ने स्थानीय प्रशासन को भी चिंतित कर दिया, क्योंकि यह हाईवे क्षेत्र के विकास और संपर्क के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रशासनिक हस्तक्षेप: एसडीएम संगीता राघव की भूमिका
किसानों और प्रशासन के बीच लगातार तनाव बना हुआ था, लेकिन एसडीएम संगीता राघव ने मामले को सुलझाने के लिए अपने प्रयास जारी रखे। उन्होंने कई बार किसानों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए आश्वासन दिया। एसडीएम ने किसानों को जनहित में हाईवे का निर्माण पूरा करने की अपील की और उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी समस्याओं का उचित समाधान किया जाएगा। एसडीएम संगीता राघव की अपील का आखिरकार असर दिखने लगा। किसानों ने उनकी बातों पर विचार किया और अंततः जनहित को प्राथमिकता देते हुए हाईवे निर्माण में सहयोग करने का निर्णय लिया।

हाईवे निर्माण की प्रक्रिया: कब्जा और सहमति
आज के दिन एसडीएम संगीता राघव ने भारी पुलिस बल, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अधिकारियों के साथ मिलकर हाईवे निर्माण के लिए आवश्यक जमीन पर कब्जा लिया। यह प्रक्रिया पूरी तरह से किसानों की सहमति के आधार पर की गई। एसडीएम के नेतृत्व में लगभग दो किलोमीटर क्षेत्र में कब्जा लिया गया और हाईवे निर्माण का काम फिर से शुरू हो गया। किसानों ने भी सहयोग की भावना दिखाते हुए शेष एक किलोमीटर के रास्ते में आवाजाही के लिए रास्ता देने की सहमति दी। उन्होंने प्रशासन को आश्वासन दिया कि वे किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं डालेंगे और जनहित के इस महत्वपूर्ण परियोजना में बाधा नहीं बनेंगे।

मौके पर प्रशासनिक और सुरक्षा बल की उपस्थिति
एसडीएम संगीता राघव के साथ मौके पर सीओ एसएन वैभव पांडे, तहसीलदार जसमेंदर सिंह, नायब तहसीलदार प्रवीण शर्मा और एनएचएआई के अमित शर्मा मौजूद थे। इनके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी और पुलिस पीएसी बल भी मौजूद रहे, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।

किसानों की समस्याएं और उनके समाधान की दिशा में कदम
किसानों का मुख्य मुद्दा मुआवजे का था, जिसे लेकर उन्होंने हाईवे निर्माण में बाधा डालने का निर्णय लिया था। एसडीएम संगीता राघव ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए। प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी जमीन का उचित मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाएगा। इसके अलावा, प्रशासन ने किसानों से भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए संवाद बनाए रखने का वादा किया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए, ताकि वे विकास परियोजनाओं में सहयोग करते रहें।

हाईवे निर्माण का महत्व
शामली-अंबाला हाईवे का निर्माण न केवल स्थानीय क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह हाईवे क्षेत्र के विकास, व्यापार, और संपर्क को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस हाईवे के माध्यम से क्षेत्र का अन्य प्रमुख शहरों से संपर्क बेहतर होगा, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, इस हाईवे से यातायात की सुविधा भी बेहतर होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।

आगे की उम्मीदें
अब जब हाईवे निर्माण का काम फिर से शुरू हो गया है, प्रशासन और स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी। प्रशासन का यह प्रयास रहा है कि हाईवे निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार की रुकावट न आए और सभी पक्षों की सहमति से काम तेजी से आगे बढ़े। किसानों के सहयोग और प्रशासन की तत्परता ने यह दिखा दिया है कि यदि सभी पक्ष मिलकर काम करें, तो किसी भी समस्या का समाधान संभव है। एसडीएम संगीता राघव की नेतृत्व क्षमता और उनके प्रयासों ने इस जटिल मुद्दे को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

निष्कर्ष
नकुड़ में एसडीएम संगीता राघव के हस्तक्षेप और किसानों की सहमति से हाईवे निर्माण का काम फिर से शुरू हो गया है। यह जनहित की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र के विकास और संपर्क को बढ़ावा देगा। प्रशासन और किसानों के बीच सहयोग से यह साबित होता है कि संवाद और समझौते के माध्यम से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। इस घटना ने न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता को दिखाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि विकास परियोजनाओं में सभी पक्षों की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण होती है।


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