भारतीय किसान मजदूर यूनियन (सिंघानिया) का ज्ञापन: किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाई

भारतीय किसान मजदूर यूनियन (सिंघानिया) का ज्ञापन: किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाई

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हापुड़: भारतीय किसान मजदूर यूनियन (सिंघानिया) के जिला अध्यक्ष योगेश शर्मा और उनकी पूरी टीम ने जिले के किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर जिला अधिकारी (DM) और विधायक को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर गांव के लोग, प्रधान, और यूनियन के कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए, जो अपने क्षेत्र के मुद्दों को हल कराने के लिए एकजुट होकर सामने आए।

किसानों और ग्रामीणों की प्रमुख समस्याएं
ज्ञापन में किसानों और ग्रामीणों द्वारा उठाई गई मुख्य समस्याओं में जलभराव, फसल नुकसान, सिंचाई के लिए पानी की कमी, और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने जैसी कई महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार संबंधित विभागों को सूचित करने के बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है, जिससे उनके जीवन में लगातार कठिनाइयाँ बढ़ती जा रही हैं।

यूनियन के नेताओं का समर्थन
ज्ञापन देने के दौरान भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय सोलंकी और बुलंदशहर के जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र लाठर भी मौजूद रहे। उन्होंने किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, यूनियन चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की कि वे इन मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई करें, ताकि किसान और ग्रामीण चैन की सांस ले सकें।

महत्वपूर्ण सदस्यों की उपस्थिति
ज्ञापन देने के दौरान यूनियन के कई महत्वपूर्ण सदस्य भी उपस्थित रहे, जिनमें गौरव डागर, कनक सिंह, कैप्टन राम कुमार, सचिन लाठर, बब्लू यादव, संदीप, हापुड़ के जिला उपाध्यक्ष आजाद फौजी, ओंमबीर सिंह, प्रिंस, सोहनपाल सिंह, और सतेंद्र शामिल थे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।

निष्कर्ष
इस ज्ञापन के माध्यम से भारतीय किसान मजदूर यूनियन (सिंघानिया) ने किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया है। अब देखना यह है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इन मुद्दों को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या कदम उठाते हैं। यूनियन के सदस्यों ने स्पष्ट किया है कि वे किसानों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे, और यदि जरूरत पड़ी तो बड़े स्तर पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।


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