News By:Pulse24 News Desk
महाराष्ट्र राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सेक्युलरिस्ट मुस्लिम फ्रंट ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। इस मांग के तहत फ्रंट ने सभी राजनीतिक दलों से मुस्लिम समुदाय के लिए विधानसभा चुनाव में कम से कम 15% सीटें आरक्षित करने की अपील की है। यह मांग महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर की गई है, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में सकारात्मक चर्चा हो रही है।
सर्वदलीय समर्थन और बढ़ती जागरूकता:
सेक्युलरिस्ट मुस्लिम फ्रंट ने राज्य भर में सभी पार्टी नेताओं को एक औपचारिक पत्र भेजकर इस मांग को रखा है। इस पत्र में फ्रंट ने कहा है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 15% है, लेकिन इसके बावजूद विधानसभा में उनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व नगण्य है। फ्रंट की यह मांग राज्यभर में राजनीतिक चर्चा का विषय बन गई है और विभिन्न दलों से इसे समर्थन भी मिल रहा है। इस मांग को लेकर फ्रंट के नेता और समर्थक राज्यभर में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके तहत एक विशाल यात्रा शुरू की गई है, जिसे राज्य के सभी हिस्सों में भारी समर्थन मिल रहा है। इस अभियान का उद्देश्य है कि मुस्लिम समुदाय के हितों को विधानसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व मिले।
लोकसभा चुनाव और मुस्लिम समुदाय का समर्थन:
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने महाविकास अघाड़ी को सर्वसम्मति से समर्थन दिया था, जिससे अघाड़ी को महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई। इसके बावजूद, मौजूदा परिदृश्य में मुस्लिम समुदाय का राजनीतिक प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है। विधानसभा में मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व न के बराबर है, और विधान परिषद में भी कोई मुस्लिम सदस्य नहीं है। इसी तरह, लोकसभा में भी मुस्लिम समुदाय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जो एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
महाराष्ट्र के विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय की निर्णायक स्थिति:
महाराष्ट्र के 65 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय एक निर्णायक भूमिका निभाता है। इन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बावजूद इसके, उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इन क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय की मांग है कि उन्हें उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए ताकि उनकी आवाज विधानसभा में प्रभावी ढंग से उठाई जा सके।
अकोला में एडवोकेट अफरोज मुला की पत्रकार परिषद:
इसी मांग को लेकर अकोला में आज एक पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया, जिसमें एडवोकेट अफरोज मुला ने प्रेस को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि महाराष्ट्र राज्य में मुस्लिम समुदाय की 15% उम्मीदवारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुला ने कहा, “हमारा समुदाय महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से हाशिए पर रहा है। अब समय आ गया है कि हमारे समुदाय को उसकी आबादी के हिसाब से उचित प्रतिनिधित्व मिले। विधानसभा में हमारी आवाज का होना न केवल हमारे हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी मजबूत करेगा।”
फ्रंट की यात्रा और समर्थन:
सेक्युलरिस्ट मुस्लिम फ्रंट द्वारा शुरू की गई यात्रा को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी समर्थन मिल रहा है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के लोगों को जागरूक करना और उन्हें आगामी चुनावों में अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करना है। फ्रंट के नेता और कार्यकर्ता इस यात्रा के माध्यम से विभिन्न शहरों और गांवों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत करा रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सेक्युलरिस्ट मुस्लिम फ्रंट की यह मांग राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। अगर राजनीतिक दल इस मांग को गंभीरता से लेते हैं और मुस्लिम समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए तैयार होते हैं, तो यह न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए बल्कि महाराष्ट्र की पूरी राजनीति के लिए एक सकारात्मक कदम होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मांग पर राजनीतिक दल क्या रुख अपनाते हैं और किस प्रकार से मुस्लिम समुदाय के इस महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान किया जाता है।