News By:Pulse24 News Desk
श्रीनगर: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज अपनी श्रीनगर यात्रा के दौरान कश्मीर में लोकतंत्र के विकास पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में लोकतंत्र अब फल-फूल रहा है। उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया कि जो लोग पहले अलगाववाद की बात करते थे, वे अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी के लिए तैयार हैं। मंत्री ने यह टिप्पणी हब्बा कदल निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अशोक भट्ट के साथ उनके नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान की।
कश्मीर में लोकतंत्र की बढ़ती इच्छा:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “कश्मीर में अब लोकतंत्र का एक नया दौर शुरू हो चुका है। हर कश्मीरी के दिल में लोकतंत्र की इच्छा फिर से बढ़ गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।” उन्होंने कहा कि यह बदलाव कश्मीर की जनता की लोकतंत्र में बढ़ती आस्था को दर्शाता है, जो कि पूरे राज्य के लिए एक नई दिशा और संभावनाओं का संकेत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग कभी अलगाववादी विचारधारा के समर्थक थे, वे अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक हैं। यह परिवर्तन न केवल राज्य की राजनीति में एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लोकतंत्र की जड़ें कश्मीर में गहराई तक स्थापित हो रही हैं।
लोकसभा चुनावों में उच्च मतदान प्रतिशत:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि कश्मीर में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में मतदान का प्रतिशत उल्लेखनीय रहा। उन्होंने बताया कि कश्मीर में कुल मतदान प्रतिशत 60% तक पहुंच गया, जो कि कुछ चरणों में राष्ट्रीय औसत के बराबर था। मंत्री ने कहा कि यह उच्च मतदान प्रतिशत इस बात का प्रमाण है कि कश्मीर के लोग अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूरी तरह से भाग ले रहे हैं और अपनी आवाज़ को लोकतांत्रिक माध्यमों से उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “कश्मीर में लोकतंत्र की सफलता के पीछे मुख्य कारण यह है कि लोग अब महसूस कर रहे हैं कि उनका भविष्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ही सुरक्षित है। यह एक सकारात्मक संकेत है जो कश्मीर की राजनीतिक स्थिति में स्थिरता और शांति की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रतीक है।”
हब्बा कदल निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक सक्रियता:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने हब्बा कदल निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवार अशोक भट्ट के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान कहा कि इस क्षेत्र में भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का जोश और उत्साह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यहां के लोग भी अब अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्साहित हैं और यह क्षेत्र भी लोकतंत्र की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए तैयार है।
कश्मीर में स्थायी शांति की दिशा में कदम:
केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र के प्रति बढ़ती रूचि स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य में स्थायी शांति और विकास का माहौल बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “कश्मीर में लोकतंत्र की यह बहाली और लोगों की भागीदारी का यह नया दौर एक स्थायी और शांतिपूर्ण भविष्य की नींव रख रहा है। केंद्र सरकार कश्मीर के विकास और शांति के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।”
डॉ. जितेंद्र सिंह की यह टिप्पणी कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और उसकी सफलता के प्रति एक सकारात्मक संकेत है। कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बढ़ती भागीदारी और पूर्व अलगाववादियों का इस प्रक्रिया में शामिल होना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह दिखाता है कि कश्मीर अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है, जहां लोकतंत्र की जड़ें और भी गहरी हो रही हैं, और राज्य की जनता लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से अपने भविष्य को संवारने के लिए तैयार है।