पंजाब- सरहिंद मंडी: श्मशान घाट के पास मिले लावारिस बच्चे, बाल कल्याण समिति ने लिया संज्ञान

पंजाब- सरहिंद मंडी: श्मशान घाट के पास मिले लावारिस बच्चे, बाल कल्याण समिति ने लिया संज्ञान

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सरहिंद मंडी – सरहिंद रेलवे लाइन के पास स्थित एक गौशाला में दो मासूम बच्चियां, छह साल की लक्ष्मी और चार साल की रानी, लावारिस हालत में पाई गईं। इन बच्चियों के मिलने की सूचना से इलाके में हड़कंप मच गया। बच्चियों को गंभीर स्थिति में देख स्थानीय नागरिकों ने बाल कल्याण समिति को सूचित किया, जिसके बाद समिति के सदस्य तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों की देखभाल शुरू की।

बच्चों की खोज और बचाव अभियान
यह घटना तब प्रकाश में आई जब नरेंद्र कुमार प्रिंस नामक व्यक्ति ने इन बच्चियों को गौशाला के पास देखा। उनकी दयनीय स्थिति देखकर नरेंद्र कुमार ने तुरंत बाल कल्याण समिति के सदस्य एडवोकेट गगनदीप सिंह गुराया को सूचित किया। गगनदीप सिंह गुराया, जो बाल कल्याण समिति के एक सक्रिय सदस्य हैं, सूचना मिलते ही तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने पाया कि बच्चियां बेहद डरी और रो रही थीं। उनके पास न कोई परिजन था और न ही कोई उन्हें संभालने वाला।

बच्चों की काउंसलिंग और खुलासे
जब एडवोकेट गगनदीप सिंह गुराया ने बच्चियों की काउंसलिंग की, तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। बच्चों ने बताया कि उनकी मां उन्हें छोड़कर कहीं चली गई थी, जबकि उनके पिता शराबी थे और अक्सर उनके साथ मारपीट किया करते थे। बच्चों ने बताया कि वे गुरुद्वारा साहिब से या किसी और जगह से लंगर लाकर अपने पिता के लिए खाना लाते थे और खुद भी उसी से अपना पेट भरते थे। यह सुनकर समिति के सदस्य गहरे सदमे में आ गए और तुरंत ही बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए।

घटनास्थल का निरीक्षण और आगे की कार्रवाई
एडवोकेट गगनदीप सिंह गुराया ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने इन बच्चियों को मोटरसाइकिल पर श्मशान घाट के पास छोड़ दिया था। बच्चों को वहां अकेला पाकर वे बेहद भयभीत हो गईं और रोने लगीं। समिति के सदस्यों ने तुरंत बच्चों को वहां से सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनकी देखभाल की। उनकी हालत को देखते हुए उन्हें चिकित्सकीय जांच के लिए भेजा गया।
बच्चों की पहचान के बाद, बाल कल्याण समिति ने उनके परिवार के अन्य सदस्यों की खोजबीन शुरू की। पूछताछ के दौरान बच्चियों ने अपने एक भाई का जिक्र किया, जिससे समिति को परिवार की स्थिति की जानकारी मिली। इसके बाद, समिति ने बच्चों के बेहतर पुनर्वास के लिए संबंधित अधिकारियों को सूचित किया।

समाज और सरकार से अपील
इस मामले ने समाज और प्रशासन के सामने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की गंभीरता को उजागर किया है। एडवोकेट गगनदीप सिंह गुराया ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा, “यह घटना हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है। बच्चों की देखभाल और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं सरकार और समाज से अपील करता हूं कि ऐसे मामलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।”

समिति की तत्परता और बच्चों की सुरक्षा
बाल कल्याण समिति ने अपनी तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। अब इन बच्चों की देखभाल और भविष्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। समिति यह सुनिश्चित कर रही है कि इन मासूम बच्चियों को एक सुरक्षित और प्यार भरा वातावरण मिल सके, ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें।

इस घटना के बाद, बाल कल्याण समिति ने स्थानीय पुलिस को भी सूचित किया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बच्चों की मां और पिता का पता लगाने की कोशिश की जा रही है, ताकि बच्चों के भविष्य के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। समिति ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए उन्हें सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी।


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