News By:Pulse24 News Desk
उत्तर कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद बुधवार को तिहाड़ जेल से जमानत मिलने के बाद श्रीनगर पहुंचे। जेल से रिहा होने के बाद, रशीद ने श्रीनगर की मुख्य सड़क पर झुककर भगवान का आभार व्यक्त किया और सड़क को चूमा। यह दृश्य उनके पांच साल की लंबी जेल अवधि के बाद श्रीनगर में लौटने के दौरान का था, जहां उन्होंने अपनी भावनाओं का इज़हार किया।
रशीद की वापसी और प्रतिक्रिया:
श्रीनगर पहुंचने पर, इंजीनियर रशीद ने सड़क पर झुककर आभार प्रकट किया और भावुक होकर रो पड़े। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “यह मेरी ज़मीन है।” इस भावुक पल के दौरान, रशीद ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती द्वारा लड़ी जा रही राजनीतिक लड़ाइयों से कहीं बड़ी है।
रशीद ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं वह लड़ाई लड़ रहा हूं, जो उमर और महबूबा नहीं लड़ सकते। मेरी लड़ाई इन दोनों से कहीं बड़ी है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह आत्मसम्मान और गरिमा के साथ शांति चाहते हैं, न कि उस तरह की शांति जो “कब्रिस्तान जैसी” हो।
रशीद ने कहा कि वे अपने लोगों के लिए लड़ेंगे, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “नए कश्मीर” के दावों को नकारते हुए अपने वोटों के माध्यम से विरोध किया। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे स्थानीय जनता के मुद्दों को लेकर गंभीर हैं और इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
रशीद अब बारामुल्ला जिले के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां वे एक सभा को संबोधित करेंगे। उन्हें दिल्ली की अदालत ने 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया है। उनके इस आंदोलन के कारण, श्रीनगर में उनके स्वागत और आगामी कार्यक्रमों पर स्थानीय लोगों की नजरें हैं।
इस रिहाई के साथ, रशीद की गतिविधियों और आगामी आंदोलनों पर ध्यान केंद्रित रहेगा, खासकर जब वे स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव डालने की योजना बना रहे हैं।