News By:Pulse24 News Desk
सच्चेंडी, मई माह में आत्महत्या करने वाले सब्जी विक्रेता के मामले में पुलिस प्रशासन ने गंभीर कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नर ने जांच के दौरान पीड़ित के बयानों को नजरअंदाज कर फाइनल रिपोर्ट लगाने के आरोप में इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। मामले की पुनः जांच का आदेश दिया गया है।
मामले का संक्षिप्त विवरण
मई 2024 में, एक सब्जी विक्रेता ने पुलिस की लगातार उगाही और उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इस आत्महत्या के बाद पीड़ित ने पुलिस के खिलाफ दो वीडियो बनाए और उन्हें वायरल कर दिया, जिसमें उसने पुलिस द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की शिकायत की थी।
पुलिस की कार्रवाई और आरोप
इस मामले में चकरपुर मंडी चौकी इंचार्ज और एक सिपाही के खिलाफ पुलिस द्वारा उत्पीड़न के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। वर्तमान विवेचक ने मामले की जांच करते हुए दारोगा और सिपाही को क्लीन चिट दे दी थी, जिससे पीड़ित परिवार और स्थानीय जनता में नाराजगी फैल गई थी।
पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई
मामला जब उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो पुलिस कमिश्नर ने पूरे प्रकरण की गहन समीक्षा की और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि मामले की दोबारा जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। यह कदम इस बात का संकेत है कि पुलिस प्रशासन ने आत्महत्या के मामले को गंभीरता से लिया है और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
समाज में प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई ने स्थानीय समुदाय और पीड़ित परिवार में उम्मीद जगाई है कि उन्हें न्याय मिलेगा। समाज में यह संदेश भी गया है कि पुलिस प्रशासन की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हर पीड़ित की आवाज को सुना जाएगा।
आगे की दिशा
पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई के बाद, अब मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाएगी। यह उम्मीद की जा रही है कि इस जांच से पूरे प्रकरण की सच्चाई उजागर होगी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। इस घटना ने पुलिस और प्रशासनिक तंत्र की जवाबदेही को भी उजागर किया है, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
सच्चेंडी थाना क्षेत्र में सब्जी विक्रेता की आत्महत्या के मामले में पुलिस कमिश्नर द्वारा इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने और मामले की पुनः जांच के आदेश से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में गंभीर प्रयास किए हैं। इस कार्रवाई से न्याय की उम्मीद जगी है और प्रशासन की पारदर्शिता की ओर एक कदम बढ़ाया गया है।