आज अमरावती से भाजपा के सांसद अनिल बोंडे द्वारा दिए गए विवादित बयान के चलते महाराष्ट्र की विधायक यशोमती ठाकुर आक्रामक हो गईं। उन्होंने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कहा कि यह सवाल उठता है कि किसे गुंडा कहा जाना चाहिए—क्या मुख्यमंत्री को या फिर उनके विधायकों को? यशोमती ठाकुर ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की गरिमा को ठेस पहुंचाना ठीक नहीं है और सत्ता में बैठे लोग दंगा कराने की मंशा रखते हैं।
यशोमती ठाकुर ने सांसद अनिल बोंडे के बयान को बेबुनियाद बताते हुए जोरदार विरोध किया। उन्होंने मांग की कि इस बयान के लिए अनिल बोंडे के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। विधायक ने स्पष्ट किया कि ऐसे बयानों से महाराष्ट्र के साथ छेड़छाड़ करना और सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाना गलत है।
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इस पूरे मामले ने महाराष्ट्र की राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है, क्योंकि ठाकुर ने संकेत दिया है कि भाजपा नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब सभी राजनीतिक दल अपने शब्दों और बयानों के प्रति जिम्मेदार रहें और जनता की भावनाओं का सम्मान करें।
यशोमती ठाकुर का यह आक्रामक रुख यह दर्शाता है कि राजनीतिक दलों के बीच की खींचतान अब सार्वजनिक मंचों पर खुलकर सामने आ रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच का तनाव बढ़ता जा रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का राजनीतिक असर क्या होता है।
इस घटनाक्रम के बीच, विधायक ने अपने समर्थकों से भी अपील की है कि वे इस मुद्दे पर सजग रहें और इस तरह के विवादित बयानों का विरोध करें। यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अभी और भी हलचल होने वाली है, और सभी दल अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।