अवैध शराब के ठेके : किसकी शह पर..?

अवैध शराब के ठेके : किसकी शह पर..?

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अहमदाबाद , गुजरात – अहमदाबाद में नये कमिश्नर जीएस मलेक ने आते ही असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस ली है।
लेकिन सरसपुर इलाके में देशी शराब के ठेके किसके रहमो करम पर चल रहे हैं ?

अहमदाबाद का सरसपुर क्षेत्र मे देशी शराब बिक रही है. सहर कोटड़ा पुलिस अधिकारियों द्वारा शराब बेच ने की अनुमति दिए जाने के कारण बूटलेगर्स शराब बेच रहे हैं और लोगों के घर बर्बाद कर रहे हैं।

सभी जानते हैं कि गांधी जी के गुजरात में शराब की लत को खत्म करने के लिए गुजरात राज्य अक्सर नए तरीके और नए कानून स्थापित करता है , लेकिन सरकारी दफ्तरों में कुछ करप्ट लोग ऐसे शराब तस्करों से मिलकर उनसे एक्सटॉरशन मनी के नाम पर रिश्वत वसूलते हैं, नशीले पदार्थ बेचने की इजाजत देते हैं।

ऐसे भ्रष्ट अधिकारी गुजरात राज्य के स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हैं और अपनी जेब भरने के लिए मनमानी करते हैं।बूटलेगर्स वित्तीय लाभ के लिए भोली-भाली जनता और उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करते दिखते हैं। इन सभी देसी शराब के ठेकों को पीआई के प्रतिष्ठित प्रशासक द्वारा चलाया जाता है।

अहमदाबाद के सरसपुर इलाके में देशी शराब की समस्या ने स्थानीय लोगों की जीवनशैली को प्रभावित किया है, और ये सरकारी नियमों और कानूनों की धज्जियाँ भी उड़ा रही है। जीएस मलेक के जैसे नए कमिश्नरों का कार्यभार संभालना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन जब तक जमीनी स्तर पर वास्तविकता नहीं बदलेगी, तब तक बहुत सुधार की उम्मीद करना मुश्किल है।

पुलिस अधिकारियों की शराब की बिक्री में मिलीभगत एक गंभीर समस्या है। यह न केवल शराब के व्यापार को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को नशे की लत की ओर भी ले जा रहा है। ऐसे भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि लोगों की सुरक्षा और उनके जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

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सरकारी दफ्तरों में फैली भ्रष्ट्राचार की इस समस्या को खत्म करने के लिए सख्त निगरानी, पारदर्शिता और कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही, स्थानीय समुदायों को भी जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे इस प्रकार की गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठा सकें।

अगर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है, जिससे न केवल सरसपुर, बल्कि पूरे गुजरात की सामाजिक व्यवस्था प्रभावित होगी।


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