News By:Pulse24 News Desk
अकोला, महाराष्ट्र – आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की जनता के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है।
हालांकि, इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुँच रहा है, जिससे नागरिकों में गुस्से और निराशा का माहौल बन गया है।
उदाहरण के लिए, लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को ₹1500 की सहायता राशि प्राप्त करने के लिए बैंकों में लंबी कतारें लग रही हैं। महिलाएं बैंक के कई बार चक्कर काटने के बाद भी राशि प्राप्त नहीं कर पा रही हैं, जिससे उनकी स्थिति और समय , दोनों खराब हो रहे हैं ।
शिक्षा के क्षेत्र में, बच्चों के लिए स्कॉलरशिप का प्रावधान किया गया है, लेकिन इसके लाभ में देरी से छात्र परेशान हैं। यह स्थिति ऐसे समय में आ रही है जब छात्रों को समय पर वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है, खासकर परीक्षा और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के समय तो ये अति आवश्यक हो जाती है।
कामगार योजना का लाभ पाने के लिए मजदूरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस योजना के तहत लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष रफीक सिद्दीकी को विशेष प्रयास करने पड़ रहे हैं । गांधी जयंती के दिन, एक कार्यक्रम के दौरान कामगारों के लिए संसार पेटी और सुरक्षा भांडे का वितरण किया गया था ।
इस कार्यक्रम में असंगठित कामगार जिला अध्यक्ष अनीता दिघेकर ने अग्रणी भूमिका निभाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता देवानंद टाले ने की, और इसमें जमील खान , शोएब भैया और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जी तोड़ मेहनत करी । उन्होंने कामगारों को समय पर सहायता पहुंचाने के लिए प्रयास किए, जिससे मजदूरों की समस्याओं को हल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जा सका।
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इस तरह की योजनाएं अगर सही तरीके से कार्यान्वित नहीं होती हैं, तो इससे जनता का विश्वास सरकार पर कमजोर होता है। इसलिए, सरकार को चाहिए कि वह इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करे और यह सुनिश्चित करे कि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंचे। जरूरतमंदों को वास्तविक सहायता प्रदान करने के लिए पारदर्शिता और सुशासन की आवश्यकता है।