NewsBy-Pulse24 News Desk
कानपुर , यूपी – काकादेव थानाक्षेत्र से एक बड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर अपराधियों ने आतंकवादी और फर्जी सीबीआई निदेशक बनकर शिक्षक को कॉल कर 10 लाख रुपये की देने के लिए कहा। ऐसा न करने पर उसे और पूरे परिवार को गोलियों से भून डालने की धमकी तक दे डाली। पीड़ित परिवार के साथ दहशत में है। पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
काकादेव थानाक्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी शिक्षक सुधांशु मिश्रा ने दर्ज एफआईआर में बताया कि 15 सितंबर को रात 10.07 बजे साइबर अपराधी व आतंकवादी मुबारिक खान और नकली भूतपूर्व सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना के फोन नंबर से व्हाटसएप कॉल आया। आरोप है, कि मुबारिक खान ने बताया कि वह एक आतंकवादी समूह से संबंधित है और 10 लाख रुपये देने के लिए कहा।
आरोप है कि कहा ऐसा न करने पर उसका नग्न वीडियो को नेट पर अपलोड कर देंगे और तुम्हारे पूरे परिवार को सुबह होने से पहले गोलियों से भून देंगे। पीड़ित शिक्षक का आरोप है, कि पहले तो पैसे देने से इंकार कर दिया लेकिन साइबर अपराधियों ने जाली वीडियो उनके एक रिश्तेदार को भेज दिया। जो बाद में पता चला कि एक झूठे अकाउंट था। जिसके बाद उन्हें बदनामी और परिवार के जान का खतरा होने का डर लगा इसलिये उन्हें पैसे देने का फैसला किया।
उनका व्हाटसएप कॉल लगातार आ रहा था। लगभग उन लोगों ने 50 कॉल की थी। पैसे उनको दिए गए वो भी बैंक से ट्रांसफर थे। सुबह अपने वकील से बात कराने पर उनकी कॉल आना बंद हुई। इस अपराध की सूचना राष्ट्रीय साइबर अपराध सेल में दर्ज कराई।
आरोपियों ने फर्जी सीबीआई निदेशक बनकर ने जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित शिक्षक ने बताया कि 27 सितंबर को 12.59 पर राकेश अस्थाना (नकली भूतपूर्व सीबीआई निदेशक) नाम के व्यक्ति न फोन कर उन्हें जाने से मारने की धमकी दी। आरोप है, कि वह अपने मोबाइल में सीबीआई साइबर क्राइम पुलिस की वर्दीधारी तस्वीर लगाए हुए है। आरोप है, कि उससे कहा कि समझौता कर लो नहीं तो तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का नुकसान हो जाएगा फिर न कहना। मामला दुर्दांत आतंकवादी मुबारिक खान का है। आरोप है, कि अपराधियों ने उनसे 1,16,000 रुपये का साइबर फ्रॉड किया है। इस मामले में काकादेव इंस्पेक्टर मनोज सिंह भदौरिया ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर दोनों लोगों के खिलाफ डर दिखाकर जबररन वसूली करने, धमकी और आईटीएक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर साइबर सेल से मदद ली जा रही है।