बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी ने जातीय जनगणना और आरक्षण पर किया स्पष्ट बयान

बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी ने जातीय जनगणना और आरक्षण पर किया स्पष्ट बयान

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हुबली,कर्नाटक – बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी ने राज्य सरकार द्वारा कराई गई जाति जनगणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कोई सामाजिक सर्वेक्षण नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जातीय जनगणना की प्रक्रिया घर-घर जाकर की जाती है, तो यह वास्तविक सर्वेक्षण कहलाएगी। उन्होंने कहा, “हमें जातीय जनगणना से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वर्तमान जनगणना रिपोर्ट को हम स्वीकार नहीं करते हैं।”

स्वामीजी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा की रायन्ना चेन्नम्मा ब्रिगेड की स्थापना के संबंध में सुझाव मांगे जाने पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि रायन्ना और चन्नम्मा उनके सांस्कृतिक नायक हैं और उन्होंने कहा कि इस संगठन का उद्देश्य पिछड़े वर्ग की समृद्धि और उत्तरी कर्नाटक के विकास को बढ़ावा देना है।

लिंगायत पंचमसाली समुदाय के लिए 2ए आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष जारी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मुद्दे पर 18 अक्टूबर को बैठक बुलाई है, जिसमें स्वामीजी और समाज के 11 वकीलों का प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिलने जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री बैठक में सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।

स्वामीजी ने लिंगायत समुदाय के सभी विधायकों को बैठक में आने का निमंत्रण भी दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को पूरा करने के लिए उचित और सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी, तो उन्हें अगला संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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उन्होंने बताया कि पंचमसाली समाज का आरक्षण संघर्ष पहले चरण में सफल रहा है, लेकिन अगर मुख्यमंत्री ने इस बार भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी, तो उग्र संघर्ष अपरिहार्य होगा। उनका यह स्पष्ट संदेश है कि समुदाय की एकता और संघर्ष की ताकत के साथ अपनी मांगों को लेकर वे आगे बढ़ेंगे।


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