NewsBy-Pulse24 News Desk
कर्नाटक – वन मंत्री ईश्वर खंड्रे और उत्पाद शुल्क मंत्री आरबी थिम्मापुरा के बाद अब मुदामंत्री बोसराजू भी वन भूमि हड़पने के मामले में चर्चा में हैं। उनके खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर गलत तरीके से वन भूमि का हड़पने कि कोशिश कि है। यह रणनीति शायद पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ही तैयार की हो।
यहाँ ध्यान देने योग्य है कि कई वन किसान अपनी आजीविका के लिए वन भूमि के टुकड़ों पर अतिक्रमण करते हैं। लेकिन इस संदर्भ में, सवाल उठता है कि गरीब किसानों पर अत्याचार करने वाली और अन्नदाताओं को आत्महत्या के कगार पर लाने वाली भ्रष्ट कांग्रेस सरकार इस जमीन हड़पने वाले मंत्री का इस्तीफा कब दिलाएगी।
आरोपों के अनुसार, यह शर्म की बात है कि जिस सरकार को कर्नाटक की जमीन और पानी की रक्षा करनी है, वही सरकार अपने ही मंत्रियों के ऐसे कृत्यों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रही है। यह आरोप लगता है कि सरकार अपनी प्राथमिकताओं को भूलकर वन संपदा को निगलने की तैयारी में है, जबकि स्थानीय लोगों की जीवनरेखा खतरे में है।
इस स्थिति को लेकर विपक्ष ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा, कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में आवाज उठाई है, और उन्होंने बोसराजू की सच्चाई का पता लगाने के लिए एक निष्पक्ष कारवाई करने कि मांग की है।
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इस संदर्भ में सरकार के लिए यह एक बड़ा सवाल है कि वे किस प्रकार से अपने मंत्रियों के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, ताकि आम जनता का विश्वास बना रहे।