ये किस हिसाब से सही है, मंदिर में पुजारियों के वेश में पुलिसकर्मी, अखिलेश यादव
ये किस हिसाब से सही है, मंदिर में पुजारियों के वेश में पुलिसकर्मी, अखिलेश यादव,
अब मंदिर में महिला पुलिसकर्मी और पुरुष पुलिसकर्मी धोती और कुरता के वेश में दिखाई देंगे, जिनके मस्तक पर त्रिपुंड और गले में रुद्राक्ष की माला पहनी हुई है।
यह फैसला मंदिर के ट्रस्ट और वाराणसी पुलिस कमिश्नर द्वारा लिया गया है, मंदिर के ट्रस्ट और पुलिस कमिश्नर का कहना है की मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखकर यह फैसला लिया गया है,परन्तु इस पर सियासत गरमा गयी है।
इस फैसले पर सपा चीफ ने एतराज जताया है और कहा है की ये कहाँ तक उचित है, सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्होंने कहा है की ऐसे फैसले लेने वालों को तत्काल निलम्बित किया जाये।
अखिलेश यादव ने कहा की पुजारी के वेश में पुलिसकर्मी का होना किस मैन्युअल के हिसाब से सही है, इस प्रकार से तो कोई भी साधु का वेश पहनकर किसी को भी लूट सकता है, इस बात का खुलाशा कोण करेगा की लूटने वाला पुलिसकर्मी है या फिर कोई ढोंगी बाबा, अखिलेश यादव के इस बयां को आम जनता ने भी सही माना है.