हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज मनाते हैं। गणगौर पूजा देवी पार्वती और शिव को समर्पित त्योहार है।
रिपोर्ट -अभिषेक धींग उदयपुर -कानोड़
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज मनाते हैं। गणगौर पूजा देवी पार्वती और शिव को समर्पित त्योहार है। इस दिन को गौरी तृतीया के रूप में भी जाना जाता है इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु की कामना के लिए गणगौर माता यानी माता गौरा की विधि-विधान से पूजा करती हैं। गणगौर तीज का व्रत मुख्य रूप में मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है। उदयपुर जिले के कानोड नगर पालिका क्षेत्र में चेत्र शुक्ल तृतीया पर गणगौर की भव्य सवारी निकाली गई। नगर पालिका कानोड की ओर से आयोजित गणगौर सवारी अपराह्न ठाकुर गोपाल राय मन्दिर से प्रारंभ हुई।
नगर से सभी समाज की अपनी अपनी गणगौर को सजाकर बैण्ड बाजे, डीजे के साथ परंपरागत वेश भूषा में समाज जनों ने गणगौर की सवारी प्रारंभ की । एक साथ दस टेक्टर, पालकी,बग्गी में गणगौर सजी थी, छोटे छोटे बालक बालिका भी रानी झांसी,तो कोई शिव पार्वती के रूप में सजधजकर निकले।नगर पालिका की ओर से समिति के प्रमुख पारस नागोरी व दीपक शर्मा ,समाज जन व शारिरिक शिक्षक महेन्द्र जोशी ,केलाश पुरोहित, भूपेंद्रजोशी ,बसन्त व्यास, लीला शंकर,सोहन भणावत ,राजेश वया। के सहयोग से व्यवस्था में लगे दिखे । नगर पालिका कि ओर से निर्णायकों को नियुक्त किया गया जो गणगौर में प्रथम, द्वितीय व तृतीय का निर्णय करेगे।
श्रीमती जुली श्रीमाली ,आशा जोशी ,कविता मोदी प्रमुख निर्णायक रही। गणगौर सवारी के लिए नगर में कई स्वागत द्वार सजे लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया ,नगर पालिका पर जन प्रतिनिधियों ने गणगौर का स्वागत किया। गणगौर सवारी ठाकुर गोपाल राय मन्दिर से लक्ष्मीनारायण मन्दिर, ब्रह्मपुरी,बापू बाजार, प्रताप चौराहा ,गांधीचोक होते हुए जोशीला तालाब पहुची जहां गणगौर की पूजा आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ।