भोपाल में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: जीतू पटवारी के नेतृत्व में सीएम हाउस का घेराव

भोपाल में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: जीतू पटवारी के नेतृत्व में सीएम हाउस का घेराव

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भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, आज एक बड़े विरोध प्रदर्शन का गवाह बनी जब मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने सीएम हाउस का घेराव किया। यह विरोध प्रदर्शन नर्सिंग होम घोटाले, एससी/एसटी समुदायों पर हो रहे अत्याचार, और राज्य सरकार की कथित दमनकारी नीतियों के खिलाफ किया गया। इसके अलावा, डॉ. मोहन यादव द्वारा किए गए वादों के अनुसार 2.5 लाख नौकरियों के मुद्दे को लेकर भी इस आंदोलन को गति मिली। विरोध प्रदर्शन के दौरान, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ, जिसमें कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए।

नर्सिंग होम घोटाला और एससी/एसटी पर अत्याचार के खिलाफ आवाज़
कांग्रेस पार्टी के इस विरोध का मुख्य उद्देश्य नर्सिंग होम घोटाले की जांच की मांग करना और एससी/एसटी समुदायों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना था। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार इन मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है और घोटालेबाजों को संरक्षण दे रही है। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, यूथ कांग्रेस के सदस्यों, और विभिन्न जिलों से आए युवा नेताओं ने भाग लिया। सागर जिले से युवा उपाध्यक्ष निखिल चौकसे के नेतृत्व में सैकड़ों युवा प्रदर्शनकारियों ने इस घेराव में भाग लिया।

2.5 लाख नौकरियों का मुद्दा और मुख्यमंत्री हाउस का घेराव
विरोध प्रदर्शन का एक और महत्वपूर्ण मुद्दा 2.5 लाख नौकरियों का था, जिसका वादा राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इन नौकरियों को देने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा करने में विफल रही। जीतू पटवारी और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को सीधे निशाने पर लिया और कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। सीएम हाउस का घेराव करने के दौरान, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भारी टकराव हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, जिससे कई कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस के इस कड़े रुख की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की और इसे भाजपा की दमनकारी नीति का हिस्सा बताया।

जीतू पटवारी और अन्य नेताओं पर हमला
प्रदर्शन के दौरान, पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में जीतू पटवारी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता घायल हो गए। पटवारी पर पुलिस ने कई लाठियां बरसाईं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में और अधिक आक्रोश फैल गया और उन्होंने “मोहन सरकार डरती है, पुलिस को आगे करती है” जैसे नारे लगाए। इस पूरे घटनाक्रम ने विरोध प्रदर्शन को और अधिक उग्र बना दिया, और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। घायल नेताओं और कार्यकर्ताओं को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज किया गया। इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ अपने विरोध को और तेज करने की घोषणा की है।

भाजपा सरकार पर आरोप
कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है और वह युवाओं की आवाज को दबाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार डर गई है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पुलिस के माध्यम से कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रही है। पटवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस युवाओं के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी और राज्य सरकार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों को बेनकाब करने के लिए कांग्रेस राज्यभर में और अधिक विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।

पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जानबूझकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं। कांग्रेस ने इस कार्रवाई की निंदा की है और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जांच की मांग की है। इस घटना के बाद, कई राजनीतिक विश्लेषकों ने भी राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन को संभालना चाहिए था। इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं।

कांग्रेस का भविष्य का आंदोलन
इस घटना के बाद, कांग्रेस ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन और तेज करने की घोषणा की है। कांग्रेस ने कहा है कि वह राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी और भाजपा की दमनकारी नीतियों को उजागर करेगी। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह नर्सिंग होम घोटाले और एससी/एसटी समुदायों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।

निष्कर्ष
भोपाल में आज का विरोध प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना के रूप में उभर कर सामने आया है। कांग्रेस और भाजपा के बीच की तनातनी और अधिक बढ़ गई है और राज्य की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसा ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपने आंदोलन को किस दिशा में ले जाती है और राज्य सरकार इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मध्य प्रदेश की राजनीति में आने वाले समय में और अधिक उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।


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