News By:Pulse24 News Desk
पंचकूला शहर में अवैध गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने एक सैलून में छापेमारी कर तीन युवतियों को बचाया और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। यह छापेमारी एमडीसी क्षेत्र में स्थित एक सैलून पर की गई, जहां पर अवैध देह व्यापार का धंधा चल रहा था। छापेमारी का नेतृत्व एसीपी शुक्रपाल और एसीपी आशीष कुमार ने किया, जिनके साथ महिला थाना की एसएचओ नेहा संधु भी मौके पर मौजूद रहीं।
रेड की कार्यवाही: पुलिस की सक्रियता
शहर में चल रही अवैध गतिविधियों की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सैलून पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान यह भी देखा गया कि एमडीसी क्षेत्र के एसएचओ धर्मपाल सिंह को मौके पर नहीं बुलाया गया, जो एक अहम पहलू के रूप में उभर कर सामने आया। पुलिस ने छापेमारी के दौरान तीन युवतियों को बचाया और हरीश अरोड़ा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो इस अवैध धंधे को चला रहा था।
रेस्क्यू और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
सूचना के आधार पर, पुलिस ने एक नकली ग्राहक भेजा, जिसे 500 रुपये के आठ नोट देकर सैलून में प्रवेश कराया गया। नकली ग्राहक को निर्देश दिए गए थे कि जैसे ही डील पक्की हो, वह पुलिस को मिस कॉल देगा। इस प्लान के तहत, एसीपी शुक्रपाल और एसीपी आशीष कुमार सहित महिला थाना की एसएचओ नेहा संधु सैलून के बाहर तैयार थे। जैसे ही मिस कॉल आई, तुरंत छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान पुलिस को कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली, जो इस अवैध धंधे की पुष्टि करती है।
मौके से मिली आपत्तिजनक सामग्री
मौके पर पुलिस को कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई, जो इस अवैध धंधे में शामिल होने का प्रमाण थी। छापेमारी के बाद, पुलिस ने तीन युवतियों को रेस्क्यू किया और एक व्यक्ति हरीश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, तीनों युवतियों और गिरफ्तार व्यक्ति को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया, जहां हरीश अरोड़ा को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया। युवतियों के 164 के बयान भी कोर्ट में दर्ज किए गए।
शिकायत पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
कंप्लेंट करने वाले रिकी धर्माणी के वकील संदीप शर्मा ने बताया कि सैलून में 2000 रुपये देकर एंट्री होती थी और अंदर अवैध देह व्यापार का धंधा चलता था। पुलिस को इस मामले की शिकायत मिलते ही, उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए नकली ग्राहक भेजा और पूरी योजना बनाई। पुलिस की यह कार्रवाई न केवल त्वरित थी, बल्कि पूरी तरह से योजना के अनुसार भी हुई, जिसमें सभी प्रमुख अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी थी।
बड़े पुलिस अधिकारियों की निगरानी और पेशी में उनकी मौजूदगी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस रेड के बारे में बड़े पुलिस अधिकारियों को पहले से ही सूचित किया गया था। इसी के चलते, दो एसीपी को इस कार्रवाई में शामिल किया गया था। पुलिस की सक्रियता और तत्परता का प्रमाण इस बात से भी मिलता है कि दोनों एसीपी और महिला थाना की एसएचओ खुद कोर्ट में पेशी के दौरान मौजूद रहीं। यह सुनिश्चित किया गया कि मामले की सुनवाई निष्पक्ष और सख्ती से हो, जिससे आरोपियों को कोई ढील न मिले।
मामले का सामाजिक और कानूनी महत्व
इस मामले ने न केवल पंचकूला के कानून-व्यवस्था के मुद्दों को उजागर किया है, बल्कि समाज में फैले अवैध धंधों के खिलाफ पुलिस की सक्रियता को भी दिखाया है। ऐसे मामलों में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से न केवल दोषियों को सजा मिलती है, बल्कि समाज में एक मजबूत संदेश भी जाता है कि अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
पंचकूला में सैलून पर की गई इस छापेमारी ने शहर में चल रहे अवैध धंधों की पोल खोल दी है। पुलिस की त्वरित और योजनाबद्ध कार्रवाई ने न केवल अवैध गतिविधियों को उजागर किया, बल्कि इसे जड़ से खत्म करने के प्रयास भी किए। इस मामले में न्यायालय की प्रक्रिया को भी तेजी से आगे बढ़ाया गया, जिससे आरोपियों को समय पर सजा दी जा सके। समाज में कानून और व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए ऐसी घटनाओं में पुलिस की सक्रियता और तत्परता अत्यंत आवश्यक है। पंचकूला में की गई इस छापेमारी ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।