News By:Pulse24 News Desk
हल्द्वानी के बुधपार्क में महिला कांग्रेस ने शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें लालकुआं दुग्ध संघ में कार्यरत एक महिला के साथ दुष्कर्म के आरोपी बीजेपी नेता और दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान महिला कार्यकर्ताओं ने बीजेपी नेता के पुतले का दहन किया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
प्रदर्शन की मुख्य मांगें
महिला कांग्रेस की प्रमुख मांग थी कि मुकेश बोरा को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर आरोपी नेता की गिरफ्तारी में देरी होती है, तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी। इस दौरान महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास किया।
बीजेपी पर गंभीर आरोप
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो देती है, लेकिन आज बीजेपी के शासन में खुद बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरोपी बीजेपी नेता को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है, जिससे पीड़ित महिला को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
महिला कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए, उनका कहना था कि यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मामले में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है, और इस तरह की घटनाएं इसकी गवाही देती हैं।
आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस नेताओं ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि अगर मुकेश बोरा को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगी। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक महिला का नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा का सवाल है, जिसे लेकर वे कोई समझौता नहीं करेंगी।
सरकार और प्रशासन पर दबाव
महिला कांग्रेस के इस प्रदर्शन से सरकार और पुलिस प्रशासन पर आरोपी नेता की गिरफ्तारी को लेकर दबाव बढ़ गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे न्याय के लिए अंत तक लड़ाई लड़ेंगी और आरोपी को कानून के शिकंजे में लाकर ही दम लेंगी। यह प्रदर्शन राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर बढ़ते असंतोष का प्रतीक है। कांग्रेस का यह कदम प्रदेश में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा सकता है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।