News By:Pulse24 News Desk
कस्बे में सफाई व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं की बिगड़ती स्थिति को लेकर नगरपालिका अध्यक्ष अमृता मीणा और ईओ सुनीता मीणा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में नगरपालिका के 25 वार्डों के पार्षदों ने भाग लिया, जिन्होंने अपनी-अपनी वार्डों की समस्याओं को लेकर अपनी मांगें रखीं।
सफाई व्यवस्था पर असंतोष
बैठक की शुरुआत में पार्षदों ने कस्बे में सफाई व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। पार्षदों ने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों में नगरपालिका की कोई भी बोर्ड बैठक नहीं हुई है, जिससे सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। कस्बे के विभिन्न हिस्सों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, और कई जगहों पर लाइटें बंद पड़ी हैं। यह स्थिति न केवल आम नागरिकों के लिए बल्कि छात्रों और बुजुर्गों के लिए भी बेहद असुविधाजनक साबित हो रही है।
सड़कें और बुनियादी ढांचे की दुर्दशा
पार्षदों ने बोर्ड बैठक में सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर भी जोरदार आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि कई वार्डों की सड़कें पिछले पांच सालों से मरम्मत की मांग कर रही हैं, लेकिन अब तक उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सड़कों पर बने गड्ढों के कारण लोगों का चलना मुश्किल हो गया है, और बरसात के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब नालियों के अभाव में गंदा पानी सड़कों पर फैल जाता है। इस समस्या के चलते छात्रों और कामकाजी लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पार्षद कैलाश मीणा के साथ तीखी बहस
बैठक के दौरान, पार्षद कैलाश मीणा ने विशेष रूप से कस्बे की सड़कों और सफाई व्यवस्था को लेकर नगरपालिका अध्यक्ष अमृता मीणा पर तीखे सवाल दागे। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका प्रशासन की उदासीनता के कारण कस्बे की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। कैलाश मीणा ने कहा कि सड़कों की मरम्मत और सफाई व्यवस्था को लेकर जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, लेकिन नगरपालिका प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस पर नगरपालिका अध्यक्ष अमृता मीणा ने कहा कि सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए पूर्व में भी प्रयास किए गए हैं, लेकिन कुछ बाधाओं के कारण ये प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि अब से सफाई और बुनियादी ढांचे के कामों को प्राथमिकता दी जाएगी, और जल्द ही इन समस्याओं के समाधान के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
बैठक के मुख्य मुद्दे
बैठक में उठाए गए मुख्य मुद्दों में से एक यह था कि आठ महीनों तक कोई बोर्ड बैठक न होने के कारण पार्षदों और जनता की शिकायतें अनसुनी रह गईं। पार्षदों ने कहा कि यदि नियमित बैठकें होतीं, तो इन समस्याओं का समाधान पहले ही हो सकता था। इसके अलावा, वार्डों में लाइटों के खराब होने और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए गए।
अध्यक्ष की प्रतिक्रिया और वादे
पार्षदों के आरोपों का जवाब देते हुए, अमृता मीणा ने कहा कि उन्होंने कस्बे में सफाई और अन्य बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए पहले भी कई बार निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो सका है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि अब से इन मामलों पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी और नियमित रूप से सफाई अभियान चलाया जाएगा।
आगे की योजना
अमृता मीणा ने बैठक के अंत में कहा कि अब से प्रत्येक माह में एक बोर्ड बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पार्षदों की शिकायतों और सुझावों को सुना जाएगा और उनके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने पार्षदों से अपील की कि वे अपने वार्डों की समस्याओं को समय पर उठाएं ताकि उन्हें जल्द से जल्द सुलझाया जा सके। इस बोर्ड बैठक के दौरान उठाए गए मुद्दों ने कस्बे के प्रशासनिक ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया है। अब देखना यह है कि नगरपालिका प्रशासन इन समस्याओं के समाधान के लिए कितनी गंभीरता से काम करता है और क्या वादे किए गए सुधारों को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। जनता और पार्षदों की नजरें अब अमृता मीणा और उनके प्रशासन की कार्यशैली पर टिकी हैं।