News By:Pulse24 News Desk
खटीमा विधानसभा क्षेत्र के मेलाघाट क्षेत्र से सटी भारत-नेपाल सीमा पर अतिक्रमण की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का नेतृत्व सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों के साथ स्थानीय पुलिस विभाग, वन विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम कर रही है।
तहसीलदार हिमांशु जोशी ने जानकारी दी कि यह सर्वेक्षण केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप किया जा रहा है। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य नोमैन्स लैंड, जो सीमा का जीरो किलोमीटर से लेकर 15 किलोमीटर के दायरे में आता है, में हुए अतिक्रमण को चिन्हित करना है। यह क्षेत्र सीमा सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है, और इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण से दोनों देशों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
अतिक्रमण की जांच और चिन्हित करने की प्रक्रिया
सर्वेक्षण अभियान में सीमा सुरक्षा बल के साथ स्थानीय पुलिस, वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस संयुक्त टीम का मुख्य कार्य सीमा क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को चिन्हित करना और उसे सही तरीके से दस्तावेज़बद्ध करना है। सर्वेक्षण के दौरान टीम यह भी सुनिश्चित कर रही है कि सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों की गतिविधियों में किसी प्रकार का बाधा न आए। तहसीलदार हिमांशु जोशी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान प्राप्त आंकड़ों को उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा, ताकि उनके निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही की जा सके। इस प्रक्रिया में अतिक्रमण को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जिसमें संबंधित व्यक्तियों और संगठनों को नोटिस जारी करना, और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्रवाई करना शामिल हो सकता है।
सुरक्षा बलों और अन्य विभागों की भूमिका
सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के अधिकारी इस सर्वेक्षण अभियान में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी महेश जोशी, तहसीलदार हिमांशु जोशी, और पटवारी कुलविंदर सिंह के साथ-साथ अन्य विभागीय कर्मचारी भी इस अभियान में शामिल हैं। इन अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि सर्वेक्षण कार्य तेजी से और कुशलता से हो, ताकि अतिक्रमण की समस्या को समय पर सुलझाया जा सके। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है, ताकि सर्वेक्षण के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे सीमा पर किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके।
आगे की कार्यवाही
सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद, रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी। इसके बाद, प्राप्त निर्देशों के अनुसार अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह प्रक्रिया संवेदनशील होगी और इसमें कानून का पूर्ण पालन किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सभी संबंधित पक्षों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
भारत-नेपाल सीमा पर अतिक्रमण को लेकर चल रहे इस सर्वेक्षण अभियान ने सीमा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से न केवल अतिक्रमण को चिन्हित किया जा रहा है, बल्कि इसे हटाने की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। यह अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखी जा सके और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को समय रहते रोका जा सके। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की यह संयुक्त पहल एक उदाहरण है कि किस तरह से विभिन्न विभाग मिलकर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समस्या का समाधान कर सकते हैं। आने वाले दिनों में, इस सर्वेक्षण के परिणामों के आधार पर, अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, जिससे सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे।