News By:Pulse24 News Desk
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 के परिणामों ने उत्तर प्रदेश के चार शहरों की वायु गुणवत्ता में उनकी बेहतरीन उपलब्धियों को उजागर किया है। इस वर्ष के सर्वेक्षण में फिरोजाबाद और रायबरेली ने अपनी श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि आगरा और झांसी ने तीसरा स्थान हासिल किया है। यह सर्वेक्षण हर वर्ष पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा किया जाता है, और इन शहरों को केंद्रीय मंत्रालय द्वारा 07 सितंबर को जयपुर में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
नगर विकास और ऊर्जा मंत्री की टिप्पणी
नगर विकास और ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश की नगरीय व्यवस्थापन में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं। इन प्रयासों के सकारात्मक परिणामस्वरूप शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिससे नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में भी वृद्धि हुई है। मंत्री ने जानकारी दी कि नगरों की नियमित सफाई की जाती है, जिसमें सुबह 05 बजे से सफाई कर्मी सक्रिय हो जाते हैं। इसके अलावा, शहरों को सुंदर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें पौधरोपण, पार्कों और उद्यानों का नवीनीकरण, और मियावाकी उद्यानों का निर्माण शामिल है।
वायु प्रदूषण कम करने के उपाय
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है और नागरिकों को ई-व्हीकल्स के उपयोग के लिए जागरूक किया जा रहा है। मंत्री ने उल्लेख किया कि स्वच्छता और प्रदूषण नियंत्रण के प्रति नागरिकों में जागरूकता बढ़ी है, जिससे इन नगरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
प्रदेश की वैश्विक मान्यता
मंत्री ने यह भी बताया कि माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व तथा नगर विकास विभाग की प्रभावशाली कार्यशैली के कारण प्रदेश के शहरों को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में चार शहरों की प्राप्त उपलब्धियों ने यह साबित किया है कि प्रदेश के दो शहरों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है और दो शहरों ने तीसरा स्थान हासिल किया है।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का मूल्यांकन
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में नगरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन मुख्यतः आठ बिंदुओं पर किया गया है: बायोमास पर नियंत्रण, नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कूड़े करकट को जलाना, सड़कों पर धूल, निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न मलबा, वाहनों से प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, और जन-जागरूकता। मंत्री ने इस उपलब्धि पर प्रदेश के सभी नगर कर्मियों और नागरिकों को बधाई दी और उनके निरंतर प्रयासों को सराहा।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश के चार शहरों की इस उपलब्धि ने प्रदूषण नियंत्रण और वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में प्रदेश के ठोस प्रयासों को प्रमाणित किया है।