भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र शुक्रवार को जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा पत्र का विमोचन किया। यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर में भाजपा के मुख्यालय पर आयोजित किया गया, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य प्रमुख रविंदर रैना समेत कई अन्य नेता भी मौजूद थे। अमित शाह ने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के लिए भाजपा के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, साथ ही विपक्षी दलों के एजेंडे की आलोचना की।
घोषणापत्र के प्रमुख बिंदु
घोषणापत्र में भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के विकास और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रमुख वादे किए हैं। इनमें ‘मां सम्मान योजना’ का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला को प्रति वर्ष ₹18,000 देने का वादा किया गया है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण देने और परिवारों में उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इसके अलावा, भाजपा ने क्षेत्र में आतंकवाद का पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करने के लिए कई सख्त कदम उठाने का वादा किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि भाजपा की सरकार बनने पर, क्षेत्र में आतंकवाद के उद्भव में शामिल लोगों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक श्वेत पत्र भी लाया जाएगा।
अमित शाह का संबोधन
घोषणापत्र जारी करते समय अमित शाह ने कहा, “आजादी के बाद से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा हमारी पार्टी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। हमने हमेशा इस क्षेत्र को भारत के साथ रखने की कोशिश की है।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर में भाजपा के लंबे संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा, “पंडित प्रेम नाथ डोगरा के संघर्ष से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान तक, इस संघर्ष को पहले जनसंघ और फिर भाजपा ने आगे बढ़ाया है, क्योंकि हमारा मानना है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और रहेगा।”
शाह ने आगे कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में स्थिरता लाने और क्षेत्र को आतंकवाद और अलगाववाद के प्रभाव से मुक्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने 2014 के बाद क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता की स्थिति में हुए बदलावों का जिक्र करते हुए कहा, “2014 तक, जम्मू-कश्मीर को विभिन्न राज्य और गैर-राज्य तत्वों द्वारा अस्थिरता का सामना करना पड़ा, लेकिन भाजपा ने इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता लाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।”
एनसी और कांग्रेस पर तीखा हमला
अमित शाह ने अपने भाषण में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने एनसी के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा, “अनुच्छेद 370 अब इतिहास है। यह कभी वापस नहीं आएगा, और हम इसे फिर से बहाल नहीं होने देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 ही वह कारण था जिसने जम्मू-कश्मीर के युवाओं के हाथों में हथियार और पत्थर दिए थे, लेकिन अब भाजपा के प्रयासों से यह अध्याय समाप्त हो चुका है। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र को कांग्रेस का मूक समर्थन प्राप्त है, जो इस क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए हानिकारक है। शाह ने कांग्रेस पर क्षेत्र की अस्थिरता में योगदान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा ऐसे तत्वों का समर्थन किया है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास को रोकने का काम किया।
भाजपा की प्रतिबद्धता
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के विकास और समृद्धि के लिए कई अन्य योजनाओं का भी उल्लेख किया है। पार्टी ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने, और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित की हैं। इसके साथ ही, भाजपा ने यह भी वादा किया है कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के लिए एक व्यापक और दूरदर्शी घोषणापत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें क्षेत्र के विकास, सुरक्षा और स्थिरता को प्राथमिकता दी गई है। घोषणापत्र में किए गए वादों और अमित शाह के संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आने पर क्षेत्र को एक नई दिशा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अब देखना यह है कि आगामी चुनावों में जनता का समर्थन किस पार्टी को मिलता है और जम्मू-कश्मीर का भविष्य किस दिशा में जाता है।