News By:Pulse24 News De
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से नैनीताल में आयोजित माँ नन्दा-सुनन्दा महोत्सव-2024 के शुभारंभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं और प्रदेशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने माँ नन्दा और सुनन्दा की कृपा की कामना करते हुए कहा कि वे सभी श्रद्धालुओं और प्रदेशवासियों की मनोकामनाओं को पूर्ण करें और सदैव अपनी कृपा बनाए रखें।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में पारंपरिक मेलों और त्योहारों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पारंपरिक मेले हमें हमारी संस्कृति के साथ हमारी जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। ये मेले न केवल हमारे अतीत और परंपराओं का प्रतीक हैं, बल्कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को भी हमारी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के पौराणिक मेलों का संरक्षण करने के साथ-साथ नए आयाम जोड़कर उन्हें और भी भव्य बना रही है। यह कार्य न केवल सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी सुदृढ़ करने का एक माध्यम है।
धार्मिक आस्था और विकास का समन्वय
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए प्रदेश के विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएं। इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।”
प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने का प्रयास
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन को भी याद किया जिसमें उन्होंने केदारनाथ की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। हमने विकास के विभिन्न क्षेत्रों में कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनका उद्देश्य उत्तराखंड को एक विकसित और समृद्ध राज्य के रूप में स्थापित करना है।”
माँ नन्दा-सुनन्दा महोत्सव का महत्व
माँ नन्दा-सुनन्दा महोत्सव नैनीताल का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसे श्रद्धालुओं के बीच विशेष महत्व प्राप्त है। यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का भी उत्सव है। हर साल इस महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं, जिससे यह आयोजन नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन जाता है।
मुख्यमंत्री धामी के इस संबोधन ने राज्य की जनता में एक नया उत्साह और उमंग भर दिया है। उनके द्वारा दिए गए संदेश से स्पष्ट है कि राज्य सरकार न केवल प्रदेश के विकास के प्रति समर्पित है, बल्कि अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने के लिए कृतसंकल्पित है। माँ नन्दा-सुनन्दा महोत्सव-2024 के इस शुभारंभ ने एक बार फिर से प्रदेशवासियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का कार्य किया है, और यह महोत्सव आने वाले समय में और भी भव्य और महत्वपूर्ण बनेगा।