News By:Pulse24 News Desk
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील में इस साल मार्च से ही आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। भेड़ियों के इन लगातार हमलों से ग्रामीणों के बीच भय और दहशत का माहौल बना हुआ है। खासकर बरसात के मौसम में भेड़ियों के हमलों में काफी इजाफा हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप जुलाई से अब तक सात बच्चों समेत कुल आठ लोगों की जान जा चुकी है।
भेड़ियों के हमलों में बढ़ोतरी, वन विभाग की सक्रियता
मार्च महीने से लेकर अब तक, भेड़ियों द्वारा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर किए गए हमलों में तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इनमें से करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। ग्रामीणों के लिए यह एक भयावह समय है, जहां वे अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वन विभाग ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सक्रियता से काम किया है। मंगलवार सुबह हरबख्श पुरवा गांव में वन विभाग ने एक और आदमखोर भेड़िए को पकड़ने में सफलता हासिल की। इस तरह अब तक कुल 5 आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, लेकिन वन विभाग की टीम अभी भी एक और आदमखोर भेड़िए की तलाश में जुटी हुई है।
भेड़िए को पकड़ने का वीडियो वायरल
हरबख्श पुरवा गांव में आदमखोर भेड़िए को पकड़ने की घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वन विभाग के कर्मचारी भेड़िए को लाठी से नियंत्रित करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों में डर और दहशत
महसी तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़ियों के इन हमलों से लोगों के दिलों में डर बना हुआ है। ग्रामीण अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने में डरते हैं और शाम होते ही लोग घरों में दुबक जाते हैं। भेड़ियों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि लोग रात के समय खेतों में जाने से भी कतराने लगे हैं।
वन विभाग की सख्त कार्रवाई
वन विभाग ने अब तक कुल 5 आदमखोर भेड़ियों को पकड़कर ग्रामीणों को राहत दी है, लेकिन एक और भेड़िए की तलाश अभी भी जारी है। वन विभाग की टीमें लगातार क्षेत्र में गश्त कर रही हैं और ग्रामीणों से अपील कर रही हैं कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने भेड़ियों को पकड़ने के लिए विशेष जाल बिछाए हैं और सभी संभावित स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। वन विभाग की यह कार्रवाई ग्रामीणों के लिए राहत की बात है, लेकिन क्षेत्र में पूरी तरह से शांति बहाल होने में अभी समय लगेगा।
सरकार से सहायता की मांग
ग्रामीणों ने राज्य सरकार से इस समस्या के समाधान के लिए विशेष सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि भेड़ियों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए स्थायी उपाय किए जाएं, ताकि उनके गांवों में शांति और सुरक्षा कायम हो सके।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर से मानव और वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को उजागर किया है। जरूरत इस बात की है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए स्थायी और प्रभावी उपाय किए जाएं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग सुरक्षित महसूस कर सकें और भेड़ियों जैसे वन्यजीवों के हमलों से बचाव किया जा सके।