News By:Pulse24 News Desk
उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आगामी नवंबर में आयोजित होने वाली चौथी मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने नोडल अधिकारियों को विभिन्न थीमों पर फीडबैक नोट्स तैयार कर 20 सितंबर तक नियोजन विभाग को सौंपने के निर्देश दिए।
कॉन्फ्रेंस की तैयारियों के अंतर्गत, मुख्य सचिव ने मैन्यूफैक्चरिंग, सेवाओं, ग्रामीण गैर कृषि विकास, शहरी विकास, रेन्यूएबल एनर्जी, और सर्कुलर इकॉनमी जैसे प्रमुख विषयों पर फीडबैक की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि ये फीडबैक फील्ड अधिकारियों से एकत्रित किया जाए ताकि राज्य के वास्तविक विकास और चुनौतियों की जानकारी मिल सके।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बात पर भी जोर दिया कि आकांक्षी जिलों (हरिद्वार और उधमसिंह नगर) पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इन जिलों के विकास सूचकांकों में सुधार के लिए नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया और फीडबैक नोट्स तैयार करते समय आकांक्षी जिला कार्यक्रमों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखने की बात कही।
बैठक में नीति आयोग द्वारा कॉन्फ्रेंस के लिए निर्धारित छह थीम के आधार पर नोडल अधिकारियों को नामित कर दिया गया है। इन थीमों के लिए राज्य के नोडल अधिकारियों ने केन्द्रीय नोडल मंत्रालयों द्वारा आयोजित विभिन्न बैठकों में भी हिस्सा लिया है। अब तक विभिन्न विषयों पर कुल 182 फीडबैक नोट्स प्राप्त हो चुके हैं, जिनका मूल्यांकन और समायोजन प्रक्रियाधीन है।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों के सहयोग से 25 सितंबर तक अपने जिले से संबंधित फीडबैक नोट्स तैयार कर शासन को भेजें।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी:
इस समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्रीमती राधिका झा समेत सभी प्रमुख सचिव और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे। वहीं, जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में जुड़े हुए थे।
मुख्य सचिव ने आगामी कॉन्फ्रेंस की तैयारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह राज्य की योजनाओं और विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने सभी अधिकारियों से प्रभावी योजना और निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।
संभावित फोकस एरिया:
- मैन्यूफैक्चरिंग और सेवाएं: औद्योगिक विकास और सेवा क्षेत्र में सुधार के लिए सिफारिशें।
- ग्रामीण गैर कृषि क्षेत्र: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास के अवसरों का विस्तार।
- शहरी विकास: शहरी बुनियादी ढांचे और सेवाओं के लिए नीतियों में सुधार।
- नवीकरणीय ऊर्जा और सर्कुलर इकॉनमी: स्थायी विकास और ऊर्जा उत्पादन पर ध्यान केंद्रित।
मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि कॉन्फ्रेंस के दौरान लिए गए निर्णय राज्य के दीर्घकालिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।