ईंट उठाने वाले हाथों में है अब चाक, नौकरी से बदलेगा पहाड़ी सागर का भाग्य सज गई नई उम्मीदें

ईंट उठाने वाले हाथों में है अब चाक, नौकरी से बदलेगा पहाड़ी सागर का भाग्य सज गई नई उम्मीदें

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छत्तीसगढ़-पहाड़ी कोरबा सागर की जीवन की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। एक समय था जब सागर ईंट उठाने का काम करता था, लेकिन आज वह प्राथमिक स्कूल के शिक्षक के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। यह बदलाव उनके जीवन में नई उम्मीदों और खुशियों की सौगात लेकर आया है।

पिछले संघर्ष और वर्तमान सफलता:

  1. मजदूरी से शिक्षक बनने की यात्रा: पहले मजदूरी करने वाले पहाड़ी कोरवा सागर का जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था। वह कोरबा ब्लॉक के ग्राम चीतापाली में ईंट ढोने का काम करता था। कठिन श्रम के बावजूद उसकी आर्थिक स्थिति स्थिर नहीं थी और घर में माता-पिता की जिम्मेदारी भी थी। दिन-रात मेहनत करने के बावजूद उसे पर्याप्त पैसे नहीं मिलते थे और शरीर में दर्द भी लगातार रहता था।
  2. मुख्यमंत्री के निर्देश पर नौकरी का अवसर: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बेरोजगार युवकों को नौकरी देने की योजना शुरू की। इस योजना के अंतर्गत पहाड़ी कोरवा सागर ने भी आवेदन किया। दस्तावेजों की जांच और चयन प्रक्रिया के बाद सागर को प्राथमिक स्कूल शिक्षक की नौकरी मिल गई। यह नौकरी मिलने से उनकी जिंदगी की दिशा बदल गई है।
  3. शिक्षा का नया अध्याय: सागर अब चाक और किताबों के साथ जीवन बिता रहा है। प्राथमिक शाला में पढ़ाने के साथ ही वह विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का संदेश दे रहा है। सागर ने बारहवीं कक्षा तक संघर्षपूर्ण शिक्षा प्राप्त की थी और अब वह शिक्षा देने का कार्य कर रहा है। उनका कहना है कि उन्हें यकीन नहीं होता कि उन्होंने शिक्षक बनकर एक नई शुरुआत की है।
  4. परिवार और समाज में खुशी: सागर ने बताया कि उनके परिवार और समाज में खुशी का माहौल है। घर-परिवार और रिश्तेदारों को यह खबर सुनकर बहुत खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि अब उनकी दिनचर्या पूरी तरह से बदल गई है। स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है, जो भविष्य में उनके बच्चों के लिए भी उपयोगी होगा।
  5. डीएमएफ मानदेय और भविष्य की उम्मीदें: सागर ने यह भी बताया कि उन्हें डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) से मानदेय आधार पर नौकरी मिली है। वह इसे अपनी खुशियों की सीढ़ी मानते हैं, जिससे उनके भविष्य के नए अवसर खुलेंगे और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। सागर का कहना है कि इस नौकरी ने उनकी जीवन की कठिनाइयों को कम किया है और उन्हें एक नई दिशा दी है।
  6. व्यक्तिगत विकास और सीखने की प्रक्रिया: सागर ने यह भी कहा कि अब वह स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ बहुत कुछ सीखने की प्रक्रिया में हैं। यह नया कार्य उन्हें न केवल अपने बच्चों को सिखाने का अवसर प्रदान करता है बल्कि उनके व्यक्तिगत विकास में भी सहायक हो रहा है।

कोरबा सागर की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कठिन परिश्रम और सही दिशा में किए गए प्रयासों से जीवन में बदलाव संभव है। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें एक नई पहचान दी है और अब वह शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस सफलता की कहानी ने यह साबित कर दिया है कि कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद और मेहनत से सफलता हासिल की जा सकती है।


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