आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की तीसरी बैठक सम्पन्न

आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की तीसरी बैठक सम्पन्न

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12 सितंबर 2024 को गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय, पौड़ी में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण पौड़ी गढ़वाल की तीसरी बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल 15 एजेंडों पर विचार विमर्श किया गया, जो क्षेत्रीय विकास और योजना से संबंधित थे।

बैठक के एजेंडें
बैठक के दौरान आयुक्त गढ़वाल ने 14 फरवरी 2020 को हुई बोर्ड की दूसरी बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन में लापरवाही पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इन निर्णयों का प्रभावी तरीके से कार्यान्वयन नहीं हो पाया है, जो चिंताजनक है। विशेष रूप से, बैठक में प्रमुख मुद्दा आवासीय भवनों के नक्शे पास न होने का था। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यह समस्या लैंडयूज में भिन्नता के कारण उत्पन्न हो रही है। नक्शा पास होने की प्रक्रिया इस पर निर्भर करती है कि लोग अपनी ज़मीन का उपयोग किस प्रकार कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में प्रस्तावित महायोजना में लैंडयूज को आवासीय श्रेणी में परिवर्तित किया जाएगा, ताकि इस प्रकार की समस्याओं का समाधान हो सके।

आयुक्त की टिप्पणियाँ
आयुक्त ने जिलाधिकारी और जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को निर्देशित किया कि शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों की एक संपूर्ण पत्रावली तैयार कर आयुक्त कार्यालय को प्रस्तुत करें। इस कदम से लंबित मामलों की समीक्षा और समाधान में तेजी लाई जा सकेगी।

निर्देश और आदेश
प्राधिकरण की सीमा के बाहर हो रहे होम स्टे और अन्य विकास कार्यों के नक्शों की स्वीकृति से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए, आयुक्त गढ़वाल ने संबंधित उपजिलाधिकारी, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग, और अवर अभियंता जिला विकास प्राधिकरण को 15 दिनों के भीतर एक विशेष बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।

उपस्थित अधिकारी
इस बैठक में जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, एसडीएम चतर सिंह चौहान, नूपुर वर्मा, सोहन सैनी, शालिनी मौर्य, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पी. बृजवाल, और मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक का महत्व
यह बैठक क्षेत्रीय विकास योजनाओं की समीक्षा और आगे की दिशा-निर्देशों के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण रही और आगामी विकास कार्यों को सुव्यवस्थित करने में सहायक होगी।


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