News By:Pulse24 News Desk
15 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ में हुई परीक्षा में हुआ गड़बड़ी का मामला
परीक्षा केंद्र के नाम में समानता से पैदा हुआ भ्रम
15 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ में हॉस्टल अधीक्षक की परीक्षा व्यापम के माध्यम से आयोजित की गई। इस परीक्षा के आयोजन में एक महत्वपूर्ण त्रुटि सामने आई, जो कि परीक्षा केंद्र के नाम की समानता के कारण हुई। महासमुंद जिले में ‘परसवानी’ नाम के दो गांवों के कारण इस त्रुटि ने परीक्षार्थियों को भ्रमित कर दिया।
गलत परीक्षा केंद्र पर पहुंचे बच्चे, परीक्षा से वंचित
परीक्षा के लिए पंजीकृत बच्चों को सूचना के अनुसार हायर सेकेंडरी स्कूल परसवानी में परीक्षा देना था। हालांकि, महासमुंद जिले में ‘परसवानी’ नाम के दो गांवों में स्कूल होने के कारण कई बच्चे भ्रमित हो गए। महासमुंद के पास स्थित एक गांव में केवल प्राइमरी स्कूल था, जबकि परीक्षा का आयोजन बसना के पास स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल में होना था। इस त्रुटि के कारण लगभग 25 परीक्षार्थी उन स्थानों पर पहुंचे जहां परीक्षा का आयोजन नहीं था, और परिणामस्वरूप वे परीक्षा से वंचित रह गए।
हिंदू वाहिनी संगठन ने मामला उठाया
हिंदू वाहिनी संगठन छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता श्री गुलाब सिंह ने इस मामले की जानकारी मिलने के बाद संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री रोशन दुबे को सूचित किया। श्री दुबे ने तत्काल संगठन के प्रभारी श्री मनोज कुमार चांवरिया, महामंत्री श्री दुर्गेश्वर प्रसाद शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष श्री गिरिजा प्रसाद तिवारी से परामर्श किया।
संगठन ने निर्णय लिया कि प्रभावित बच्चों के साथ कलेक्टर ऑफिस महासमुंद में शिकायत दर्ज कराई जाए। इसके लिए श्री गुलाब सिंह और बच्चे कलेक्टर ऑफिस महासमुंद पहुंचे और डिप्टी कलेक्टर श्री मनोज जी से मुलाकात की।
डिप्टी कलेक्टर ने भविष्य के लिए आश्वासन दिया
डिप्टी कलेक्टर श्री मनोज ने घटना को गंभीरता से लेते हुए व्यापम के उच्च अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में सभी परीक्षा प्रवेश पत्रों में जिला के नाम के साथ-साथ पिन कोड या विकासखंड का नाम भी अंकित किया जाएगा। इस सुधार से परीक्षार्थियों को उनके परीक्षा केंद्र की सटीक जानकारी प्राप्त होगी और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में परीक्षार्थियों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े और सभी को सही समय पर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की सुविधा मिल सके।