News By:Pulse24 News Desk
गोंडा , यूपी – कहने को तो सूबे में राम राज्य है सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति व महिला सशक्ति करण का लाख़ दावा कर लें , लेकिन अपराधियों व गुंडे माफियाओ पर नकेल कसने मे पुलिस नाकाम सी दिख रही है।
सारे दावे जनपद गोंडा की तस्वीर देखने के बाद फेल होते दिख रहे हैं। गोंडा SP विनीत जायसवाल लाख प्रयास के बाद भी अपराध का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आये दिन अपराध अपना पैर पसार रहा है।
ये हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि जनपद गोंडा के वाजीरगंज मे पुलिस और गुंडों का चोली दामन का साथ होने की वजह से , दबंगो ने अभी हाल ही में दलितों की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया। यहां वाजीरगंज पुलिस की घुटने टेके कार्यशैली को दर्शाता है। पीड़िता कई दफा गई थाने गई लेकिन साहब का दिल ना पसीज़ा और देखते ही देखते दबंगो ने जमीन पर कब्ज़ा कर लिया।
फूला देवी निवासी ग्राम चड़ौवा, थाना वजीरगंज, जनपद गोण्डा द्वारा बताया गया की उसकी हरिजन आबादी की भूमि 35 वर्ष पूर्व बंटवारे में मिली थी, जिस पर हमने पेड़ लगाए हुए है व नींव भरी हुई है।
दो सप्ताह पूर्व ग्रामसभा के कुमारे और ‘भल्लर तथा राहुल , प्रार्थिनी की जमीन पर अवैध कब्जा करने लगे व प्रार्थिनी और उसकी सास को मारा पीटा। जिसकी सूचना वजीरगंज थाने पर लिखित रूप से दी गयी।
उनकी सूचना पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
विपक्षीगण मेरी भूमि लगातार कब्जा करने का प्रयास कर रहे है, जिस पर न्यायालय ग्राम न्यायालय महोदय तहसील तरबगंज, गोण्डा के यहां स्थाई निषेधाज्ञा का एक वाद दायर किया। लेकिन विपक्षीगण अवैध कब्जे से बाज नहीं आ रहे है, जिस पर एक आवेदन पुलिस अधीक्षक महोदय, गोण्डा को दिया।
कोई कार्यवाही नहीं हुई पुनः 3.10.2024 को माननीय जिलाधिकारी महोदय को अवैध कब्जा रोकवाने हेतु आवेदन दिया, जिस पर वजीरगंज थाने ने बिना जांच किये फर्जी रूप से उसी शाम को फर्जी रिपोर्ट लगाकर प्रार्थना पत्र निस्तारित कर दिया।
दिनांक-04.10.2024 को ग्राम न्यायालय तरबगंज महोदय के आदेश पर कमीशन हुआ, उसके पश्चात् विपक्षीगण लाठी, डण्डा, भाला, बल्लम के बल पर प्रार्थिनी व उसके परिवार को जान से मार देने की धमकी देते हुए भगा दिया और भूमि पर टीन रखने लगे।
यह भी पढ़े-श्री रामलीला महोत्सव में मधुर बैंडों के साथ निकली प्रभु श्री राम की बारात
पुनः इसकी सूचना वजीरगंज थाने पर दी गई लेकिन पुलिस के द्वारा विपक्षीगणों को टीन का छाजन करने से मना नहीं किया अपितु विपक्षीगण से रात में मिलकर वापस आ गये। वजीरगंज पुलिस अधिकारियों के आदेशों को रखती है अपने जूते के बूट तले , ऐसे मे न्याय की उम्मीद कम ही है।
सवाल फिर वहीँ घूम फिर कर आ जाता है कि क्या पीड़ित को न्याय मिल पायेगा ..?