? जनपद का नेबुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार
? केंद्र में आने वाले मरीजों को लिखी जाती है बाहर की दवाइयां
? चंद रोज पहले जिलाधिकारी कुशीनगर ने बाहर की दवाओं के बारे में कसया चिकित्साधिकारी से मांगा है स्पष्टीकरण
“रुग्णालय” यानी स्वास्थ्य केंद्र !
मौजूदा सरकार की प्राथमिकताओं में से एक मुद्दा ……स्वास्थ्य।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को लेकर अत्यंत सजग है, और इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों को समुचित सुविधाएं मिले इसके लिए प्रदेश सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि जनपदों में इस महकमे को संचालित करने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है वे कहीं न कहीं अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल अगर जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें तो इसमें से अधिकतर खुद बीमार स्थिति में मिलेंगे। हालात यह है कि यह बात समझ में नहीं आ रही है कि जो अस्पताल खुद बीमार है वहां आने वाले मरीजों का इलाज कैसे हो?
? क्या है पूरा मामला
मामला जनपद के नेबूआ नौरंगिया विकासखंड अंतर्गत आने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां दूर दराज गांव से मरीज इस आस में आते हैं कि उनका सस्ता और समुचित इलाज होगा। लेकिन जब मरीज इलाज के लिए वहां पहुंचते हैं तो पता चलता है कि सरकार की तरफ से मिलने वाली दवाइयों की खेप पूरी तरह से इन केंद्रों पर नहीं पहुंच पाती।
लिहाजा डॉक्टर साहब केंद्र में उपलब्ध दवाओं के साथ साथ बाहर की दवाएं भी लिख देते हैं और यहां इलाज कराने आए मरीज के जेब पर डाका पड़ जाता है।
? कैसी है स्वास्थ्य केंद्र के अंदर और बाहर की स्थिति
जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नेबुआ के बाहर का नजारा तो देखते ही बनता है जैसे मुख्य गेट से लेकर पीछे तक बिखरा हुआ मेडिकल वेस्ट का अंबार मिला
जिसके कारण यहां आने वाले मरीजों, तीमारदारों और आस पास रहने वाली आबादी के लिए संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
? बंद मिला सामुदायिक शौचालय में ताला
स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में यहां आने वाले मरीज, तीमारदारों और आमजन के लिए बने हुए सामुदायिक शौचालय में ताला बंद मिला।