? प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की जगह लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वाय कर रहे हैं इलाज
? दवाईयां पहले और दवा की पर्ची बाद में मिलती है
? मुख्य चिकित्साधिकारी कुशीनगर खुद दुविधा में लैब टेक्नीशियन को बताया डॉक्टर
जब कोई मरीज अपने समुचित इलाज का मंशा लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में डॉक्टर की जगह लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वाय लोगों का इलाज करते मिलें तो एकबारगी जनपद की स्वास्थ्य महकमे की दुर्दशा पर रोना आता है।
? क्या है पूरा मामला
मामला जनपद कुशीनगर के कसया विकास खंड अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेखवानियाँ का है जहां मरीजों के पहुंचने पर डॉक्टर की जगह लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वॉय इलाज करते और दवाई की पर्चियां लिखते नजर आए।
? मुख्य चिकित्साधिकारी कुशीनगर ने बताया की लैब टेक्नीशियन भी डॉक्टर होता है
हालांकि जब इस मामले में जब मुख्य चिकित्साधिकारी कुशीनगर से फोन पर बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि लैब टेक्नीशियन भी डॉक्टर ही होता है।
? दवा पहले और दवा की पर्ची बाद में
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेखवानियाँ की हालत यह है की यहां आने वाले मरीजों को अगर इलाज कराना है तो आप लैब टेक्नीशियन या फिर वार्ड ब्वॉय के द्वारा लिखी गई दवाई लीजिए या फिर पहले दवा ले लीजिए और जब डॉक्टर साहब अपने सुविधानुसार केंद्र पर उपलब्ध हो जायेंगे या मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय खुद निर्देशित कर दें तब डॉक्टर महोदय के केंद्र पहुंचने के बाद में आपको दवाइयों का पर्चा दे दिया जायेगा।
मतलब कि दवाइयां फिर भी आपको लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वाय के दया पर ही मिलेंगी।
? मुख्य चिकित्साधिकारी कुशीनगर भी दुविधा में
मामले पर जब मुख्य चिकित्साधिकारी कुशीनगर से संपर्क किया गया तो मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वाय इलाज करने और दवाओं की पर्चियां लिखने के लिए अधिकृत नहीं है और यदि ऐसा कृत्य केंद्र के स्टाफ द्वारा किया गया है तो विभागीय जांच करा कर कठोर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय द्वारा दूरभाष पर जो वक्तव्य दिया गया वह इसके बिल्कुल उलट है।
इस मामले को देखा जाए तो सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार स्वास्थ्य विभाग का क्रिया कलाप जब ऐसा ही है तो क्यों न इसे “सर्कस“ कहा जाए। आमजन को सरकार तो तरफ से मिलने वाली सुविधा कैसे नसीब हो।