NewsBy-Pulse24 News Desk
छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का सक्ती जिले के चंद्रपुर का दौरा आयोजित है , वह मां चंद्रहासिनी के दर्शन और महाआरती महोत्सव में भागीदारी भी करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय , सक्ती जिले के चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। यह दौरा राज्य सरकार की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जरूरी माना जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री विशेष रूप से मां चंद्रहासिनी देवी के दर्शन करेंगे और महाआरती महोत्सव 2024 में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज शाम 4.20 बजे पुलिस मुख्यालय हेलीपेड, नवा रायपुर, अटल नगर से हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री साय दोपहर 5.05 बजे रेस्ट हाउस चंद्रपुर पहुंचेंगे और वहां विश्राम करेंगे, जहां वे कुछ समय बिताएंगे। 5.55 बजे के करीब वे रेस्ट हाउस से प्रस्थान करेंगे और शाम 6 बजे मां चंद्रहासिनी देवी मंदिर, चंद्रपुर में दर्शनों के लिए पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री साय शाम 6 बजे से 7.30 बजे तक मां चंद्रहासिनी देवी मंदिर में दर्शन करेंगे और मां महानंदा चित्रोत्पला गंगा महाआरती महोत्सव 2024 में सम्मिलित होंगे। यह महोत्सव एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसमें गंगा महाआरती का आयोजन होगा और भक्तों को पुण्य लाभ कमाने का मौका मिलेगा। इस महाआरती महोत्सव का आयोजन विशेष रूप से माँ महानंदा और महाकाली की पूजा – उपासना के लिए किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान करेंगे और मां के चरणों में आस्था समर्पित करेंगे। शाम 7.30 बजे के बाद, मुख्यमंत्री साय मां चंद्रहासिनी देवी मंदिर से प्रस्थान करेंगे और चंद्रपुर से वापस लौटने की योजना बनाएंगे।
मां चंद्रहासिनी के दर्शन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। यह मंदिर चंद्रपुर क्षेत्र में एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है, और यहां पर श्रद्धालु दूर-दूर से मां के दर्शन करने आते हैं। मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय जनजीवन और पर्यटन को भी बढ़ावा देने में सहायक होगा। महाआरती महोत्सव 2024 में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने मां महानंदा चित्रोत्पला गंगा महाआरती के आयोजन को सम्मानित किया। यह महोत्सव क्षेत्रीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह राज्य सरकार द्वारा क्षेत्रीय धार्मिक स्थलों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा भी है।