राजस्थान-टोडाभीम कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति पर भारी विरोध:क्षेत्रीय विधायक का पुतला दहन

राजस्थान-टोडाभीम कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति पर भारी विरोध:क्षेत्रीय विधायक का पुतला दहन

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टोडाभीम, राजस्थान: राजस्थान के टोडाभीम कस्बे के मुख्य चौराहे पर आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा भारी विरोध प्रदर्शन किया गया, जो हाल ही में नियुक्त किए गए टोडाभीम कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष के खिलाफ था। यह विरोध इतना तीव्र था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय विधायक घनश्याम महर का पुतला दहन किया, जिससे स्थानीय राजनीति में तनाव और असंतोष की स्थिति पैदा हो गई।

नियुक्ति के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश
टोडाभीम कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस नियुक्ति में उनके साथ धोखा हुआ है, और उनकी उपेक्षा की गई है। उनके अनुसार, इस पद पर ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया गया है, जो पार्टी के लिए समर्पित नहीं है और जिसने संगठन को मजबूत करने के लिए कभी मेहनत नहीं की है। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह नियुक्ति पार्टी के हितों के विपरीत है और इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचेगा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि एक ऐसा व्यक्ति, जो पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं करता, उसे इस महत्वपूर्ण पद पर बिठाया गया है, जो पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को कमजोर करता है।

विधायक घनश्याम महर के खिलाफ प्रदर्शन
इस नियुक्ति के विरोध में कार्यकर्ताओं ने अपने गुस्से का इज़हार करते हुए टोडाभीम के मुख्य चौराहे पर क्षेत्रीय विधायक घनश्याम महर का पुतला दहन किया। उनका आरोप है कि विधायक ने इस नियुक्ति में अपनी मर्जी चलाई है, जिससे पार्टी के अन्य मेहनती और योग्य कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हुआ है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि विधायक ने संगठन के हितों को नजरअंदाज करते हुए इस नियुक्ति को स्वार्थी तरीके से अंजाम दिया है।

कार्यकर्ताओं की नाराजगी और विरोध के कारण
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ता, लोकेश मीणा और कमल सिंह मीणा समेत कई अन्य स्थानीय कार्यकर्ता उपस्थित थे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस नियुक्ति के कारण कार्यकर्ताओं में भारी रोष है और पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है। कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और उनकी भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया, जिसके कारण यह विरोध अपरिहार्य हो गया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि नए ब्लॉक अध्यक्ष को पार्टी के कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता का समर्थन नहीं है। उनका यह भी आरोप है कि पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों की अनदेखी की गई है और उनके स्थान पर एक ऐसे व्यक्ति को चुना गया है, जो पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय नहीं रहता। इस प्रकार की नियुक्ति से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है और पार्टी के भीतर एकजुटता कमजोर होती है।

प्रदर्शन का माहौल और पुलिस की प्रतिक्रिया
टोडाभीम के मुख्य चौराहे पर हुए इस विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। कार्यकर्ताओं का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने न केवल नारेबाजी की, बल्कि क्षेत्रीय विधायक घनश्याम महर का पुतला भी दहन कर दिया। इस दौरान स्थानीय पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं के गुस्से को देखते हुए उन्हें प्रदर्शन की अनुमति देनी पड़ी।हालांकि, पुलिस ने इस दौरान शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी इतनी अधिक थी कि उन्होंने किसी भी प्रकार की बातचीत के बिना ही अपना विरोध जारी रखा।

असंतोष और आगे की संभावनाएं
इस विरोध प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया है कि टोडाभीम कांग्रेस ब्लॉक के भीतर गहरी दरारें पैदा हो गई हैं। कार्यकर्ताओं का यह आक्रोश और असंतोष पार्टी के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। अगर पार्टी नेतृत्व इस समस्या का समाधान नहीं करता, तो इससे पार्टी की एकता और संगठनात्मक ताकत को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस नियुक्ति को रद्द नहीं किया गया और उनकी मांगों को नहीं सुना गया, तो वे आने वाले दिनों में और भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि पार्टी के प्रति उनकी वफादारी और मेहनत को अनदेखा किया गया तो पार्टी नेतृत्व को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

निष्कर्ष
टोडाभीम कस्बे में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति के खिलाफ हुए इस भारी विरोध ने पार्टी के भीतर गहरे असंतोष को उजागर किया है। कार्यकर्ताओं के इस आक्रोश को देखते हुए यह स्पष्ट है कि पार्टी के नेतृत्व को जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालना होगा, वरना यह असंतोष पार्टी की एकता और संगठनात्मक ताकत को कमजोर कर सकता है। इस विरोध ने टोडाभीम की स्थानीय राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी गरमागरमी देखने को मिल सकती है।


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