छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर महाविकास अघाड़ी का ‘जुता मारो’ विरोध प्रदर्शन

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर महाविकास अघाड़ी का ‘जुता मारो’ विरोध प्रदर्शन

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अमरावती, 2 सितंबर, 2024 – छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने को लेकर राज्य में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। महाविकास अघाड़ी ने सोमवार को अमरावती में ‘जुता मारो’ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। विरोध का कारण था छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का महज आठ महीने में ही ढह जाना, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुदुर्ग जिले के मालवन के राजकोट किले में अनावरण किया था।

प्रदर्शन के दौरान महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार ने न केवल आम जनता को, बल्कि राज्य के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक को भी अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने कहा, “राज्य में कमीशन दो और टेंडर लो की नीति चल रही है। इस भ्रष्ट गठबंधन सरकार ने राज्य को कलंकित करने का काम किया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण में भी भ्रष्टाचार का सहारा लिया गया, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना घटित हुई।”

महाविकास अघाड़ी के नेता इस घटना को राज्य के इतिहास में पहले कभी न घटित हुई घटना के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराज का अपमान किया गया है और इसके लिए राज्य भर में जनता के मन में गुस्सा है।

भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “हर चुनाव में भाजपा छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर राजनीति कर वोट मांगती रही है। लेकिन अब यह स्पष्ट हो चुका है कि उन्होंने महाराज की प्रतिमा का निर्माण भी भ्रष्टाचार से किया, जिससे यह आठ महीने में ही ढह गई। यह महाराज का घोर अपमान है और इसे जनता कभी माफ नहीं करेगी।”

भारी बारिश के बावजूद शिवटेकड़ी में हुए इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने ‘जुता मारो’ के नारों के साथ सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया।

महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने यह भी मांग की कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

इस बीच, भाजपा के नेताओं ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि यह घटना प्राकृतिक आपदा के कारण हुई है और इसमें किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि, महाविकास अघाड़ी की ओर से आयोजित इस विरोध प्रदर्शन ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है और राज्य की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। जनता की नजरें अब सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं और देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।


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