News By:Pulse24 News Desk
शालबुघ, गांदरबल– जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल मचाने वाला एक और बयान सामने आया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गठबंधन करने के विकल्प खुले रखे हुए है।
शालबुघ में पार्टी कार्यकर्ताओं को किया संबोधित
शनिवार को शालबुघ, गांदरबल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा, जो जम्मू-कश्मीर में सत्ता पर काबिज होने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर सकती है।
गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल
उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह उन पार्टियों के नाम गिनाते हैं जिनके साथ भाजपा सरकार नहीं बनाएगी, लेकिन उन्होंने इंजीनियर रशीद की अपनी पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, और कुछ अन्य पार्टियों का जिक्र नहीं किया।” उमर ने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि भाजपा इन दलों के साथ गठबंधन कर सकती है अगर चुनाव परिणाम इसके पक्ष में नहीं आते हैं।
बीजेपी के गठबंधन के संकेत
उमर अब्दुल्ला का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया कि भाजपा, जो केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी है, जम्मू-कश्मीर में भी सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उमर अब्दुल्ला के अनुसार, भाजपा ने अपनी राजनीतिक रणनीति के तहत कुछ पार्टियों के साथ गठबंधन के दरवाजे खुले रखे हैं, ताकि चुनाव के बाद सरकार बनाने में कोई समस्या न हो।
अमित शाह के बयान का जिक्र
उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए एक हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि शाह ने उन पार्टियों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनके साथ भाजपा गठबंधन नहीं करेगी। हालांकि, उमर अब्दुल्ला का आरोप है कि शाह ने जानबूझकर कुछ पार्टियों का जिक्र नहीं किया, ताकि भविष्य में अगर स्थिति बनती है तो भाजपा उन पार्टियों के साथ हाथ मिला सके।
क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, और अन्य क्षेत्रीय दल यहां की राजनीति में अपनी गहरी पकड़ रखते हैं। उमर अब्दुल्ला के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा भी इन पार्टियों की शक्ति को भलीभांति समझती है और इसीलिए वह चुनाव के बाद गठबंधन के सभी विकल्पों को खुला रख रही है।
उमर अब्दुल्ला की चेतावनी
अपने भाषण में उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को सतर्क रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा, जो अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए जिम्मेदार है, अब क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर सत्ता में आने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा की मंशा साफ है; वह किसी भी तरह से सत्ता में आना चाहती है, चाहे इसके लिए उसे किसके साथ गठबंधन करना पड़े।”
राजनीतिक हलचल और बढ़ी
उमर अब्दुल्ला के इस बयान ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। भाजपा की संभावित गठबंधन रणनीति को लेकर अब अन्य राजनीतिक दल भी सतर्क हो गए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की रणनीति और उमर अब्दुल्ला के बयान के बाद होने वाली राजनीति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
अगले कदम की प्रतीक्षा
भाजपा की ओर से उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा के नेताओं की तरफ से इस पर जवाब जरूर दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में इस बयान के बाद कई नए समीकरण बन सकते हैं, जो चुनाव के परिणामों को भी प्रभावित कर सकते हैं।