News By:Pulse24 News Desk
हरिद्वार के नवागंतुक जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की औचक निरीक्षण कार्रवाई ने जिले के सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मचा दिया। सोमवार को जिलाधिकारी ने विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया, जिसमें कई अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इस छापेमारी का उद्देश्य सरकारी कार्यों में अनुशासन और समय की पाबंदी सुनिश्चित करना था, जिसे जिलाधिकारी ने अपने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ही गंभीरता से लिया है।
मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में अनुशासनहीनता
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने अपने निरीक्षण अभियान की शुरुआत सुबह 10:15 बजे मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय से की। इस दौरान मुख्य शिक्षाधिकारी के.के. गुप्ता, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दर्शन सिंह, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अशोक वैद्य, प्रधान सहायक दीपक सैनी, और ड्राइवर मनवर सिंह नेगी अनुपस्थित पाए गए। इसके अलावा, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय (बेसिक/माध्यमिक) में भी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी महेश मैथानी के अनुपस्थित रहने की पुष्टि हुई।
जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय में भी लापरवाही
इसके बाद, जिलाधिकारी ने 10:25 बजे जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत और डाटा एंट्री ऑपरेटर गौरव उप्रेती भी अपने कर्तव्यों से अनुपस्थित पाए गए। इन अधिकारियों की गैरमौजूदगी ने जिलाधिकारी को बेहद नाराज कर दिया और उन्होंने तुरंत कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने उन सभी अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने इनके वेतन को रोकने के निर्देश दिए और साथ ही उनसे स्पष्टीकरण देने की मांग की। यह निर्देश उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो अपने कर्तव्यों का पालन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं।
कार्यालय समय की पाबंदी पर जोर
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे निर्धारित समय पर अपने कार्यालयों में उपस्थित होना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में आने वाले व्यक्तियों और फरियादियों की समस्याओं को पूरी शालीनता से सुना जाए और उनका निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
मुख्यालय छोड़ने पर कड़ा प्रतिबंध
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने एक और सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी उनकी अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। इस निर्देश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और समयबद्धता के साथ करें।
शासन व्यवस्था में सुधार के संकेत
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि वे जिले में प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उनकी इस सख्त कार्यशैली ने सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और समयबद्धता को लेकर एक स्पष्ट संदेश दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके द्वारा उठाए गए इस कदम का सरकारी कार्यशैली पर क्या असर पड़ता है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी की इस औचक कार्रवाई के बाद जिले के निवासियों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाइयों से सरकारी कार्यों में तेजी और पारदर्शिता आएगी। कई लोग मानते हैं कि इस तरह की सख्ती से सरकारी कर्मचारियों में समय की पाबंदी और काम के प्रति जिम्मेदारी का भाव बढ़ेगा।
इस छापेमारी के बाद, हरिद्वार के सभी सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मच गया है, और यह उम्मीद की जा रही है कि अधिकारी और कर्मचारी अब अपने कार्यों में और भी अधिक सतर्कता बरतेंगे। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के इस कड़े रुख से जिले में शासन व्यवस्था में सुधार की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।