News By:Pulse24 News Desk
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को हरिद्वार के रानीपुर मोड़ से परशुराम चौक तक पैदल मार्च किया। इस मार्च का आयोजन उन्होंने श्री बालाजी ज्वैलर्स डकैती कांड और बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ किया।
मार्च और प्रदर्शन:
बारिश के बावजूद, हरीश रावत ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हरिद्वार के रानीपुर मोड़ पर पहुंचकर 15 मिनट का मौन रखा। इसके बाद उन्होंने रानीपुर मोड़ से परशुराम चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के विधायक और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता हाथ में छाते लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चल रहे थे।
हरीश रावत की आलोचना:
मार्च के दौरान हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हरिद्वार को अब “लुटेरों का स्वर्ग” बना दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां डकैती डालने के बाद लुटेरे आसानी से भाग जाते हैं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। रावत ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम चेतावनी दे रहे हैं कि अगर डकैती के खुलासे और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो हम इस लड़ाई को देहरादून लेकर जाएंगे और मुख्यमंत्री और गवर्नर के पास जाएंगे।”
पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रियता:
मार्च के दौरान कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन को मजबूती प्रदान की। हरीश रावत ने हरिद्वार में हुई डकैती की घटना के खुलासे और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए 11 सितंबर तक का समय दिया था। इसके बाद 12 सितंबर को उन्होंने मोन रखकर पदयात्रा मार्च की घोषणा की थी।
कांग्रेस की मांग:
हरीश रावत और कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि डकैती कांड की शीघ्र और प्रभावी जांच की जाए और कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। कांग्रेस का कहना है कि वर्तमान में हरिद्वार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल रही है, और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए।
हरीश रावत ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन को और भी तेज करेगी और इसे देहरादून तक ले जाएगी। यह प्रदर्शन भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस की गंभीरता और जनता की समस्याओं के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।