News By:Pulse24 News Desk
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 13 सितंबर, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दी है। यह ज़मानत शराब नीति से जुड़ी सीबीआई की एफआईआर में दी गई है। केजरीवाल को 10 लाख रुपये का प्रतिज्ञापत्र भरना होगा।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और उज्जवल भुयन की बेंच ने की थी, जिन्होंने 5 सितंबर को फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं—एक याचिका ज़मानत न मिलने के खिलाफ और दूसरी याचिका सीबीआई की गिरफ़्तारी के खिलाफ थी।
ईडी की हिरासत के दौरान सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध माना, यह कहते हुए कि अगर कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है, तो उसकी जांच के लिए गिरफ्तारी में कोई समस्या नहीं है।
दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने केजरीवाल को ज़मानत मिलने पर कहा, “सत्यमेव जयते। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।”
मार्च 2024 में केजरीवाल को ईडी की टीम ने गिरफ्तार किया था। 12 जुलाई को ईडी के मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। लेकिन इस ज़मानत से पहले जून महीने में सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था, जिससे वे जेल से बाहर नहीं आ सके।
लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम ज़मानत भी दी थी। हाल ही में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी इस मामले में ज़मानत मिल गई थी, जिससे वे 17 महीने बाद जेल से बाहर आ सके थे। संजय सिंह भी ज़मानत पर बाहर आ चुके हैं।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर विपक्षी नेताओं को झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि क़ानून की नज़र में सभी समान हैं।