पुल निर्माण शिलान्यास पर हुआ विवाद: समारोह में राज्य मंत्री सत्यानंद भोक्ता और जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी हुए शामिल

पुल निर्माण शिलान्यास पर हुआ विवाद: समारोह में राज्य मंत्री सत्यानंद भोक्ता और जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी हुए शामिल

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चतरा: हंटरगंज प्रखंड के कोबना गांव में एक पुल के निर्माण के शिलान्यास के दौरान एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया। नीलंजना नदी पर 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल के शिलान्यास समारोह में राज्य मंत्री सत्यानंद भोक्ता और जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी शामिल हुए। लेकिन, शिलान्यास पट्टिका से जिला परिषद अध्यक्षा का नाम गायब होने के कारण ग्रामीणों ने तीव्र विरोध किया।

समारोह में हुआ विवाद
कोबना गांव में आयोजित इस समारोह में राज्य मंत्री सत्यानंद भोक्ता और जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी ने संयुक्त रूप से पुल का शिलान्यास किया। इस समारोह की मुख्य आकर्षण बिंदु शिलान्यास पट्टिका थी, जिसमें पुल के निर्माण की जानकारी और प्रमुख व्यक्तियों के नाम अंकित थे। लेकिन, शिलान्यास पट्टिका पर जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी का नाम नहीं था। इसमें केवल मंत्री सत्यानंद भोक्ता और सांसद का नाम ही अंकित था।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
जैसे ही यह विवाद सामने आया, कोबना गांव में गुस्से की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने शिलान्यास पट्टिका में जिला परिषद अध्यक्षा का नाम न होने को लेकर विरोध जताया। उनका कहना था कि ममता कुमारी, जो कि चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड के कोबना गांव की स्थायी निवासी हैं, का नाम शिलान्यास पट्टिका में होना अनिवार्य था। ग्रामीणों का कहना था कि यह एक अपमानजनक और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, खासकर जब जिलावार पार्षद स्वयं इस परियोजना से संबंधित हैं।
महिलाओं ने भी आक्रोश व्यक्त किया और चेतावनी दी कि अगर जल्द ही शिलान्यास पट्टिका पर उनका नाम शामिल नहीं किया गया, तो वे इसे तोड़ने का संकल्प लेंगी। उनका कहना था कि यह केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि सम्मान की बात है और इसे नजरअंदाज करना गलत है।

जिला परिषद अध्यक्षा का बयान
दूसरी ओर, जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यह पुल लाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा, “यह मेरे गांव के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है और लंबे समय के बाद यह हमारे गांव में आई है। लेकिन, यह बेहद निराशाजनक है कि मेरे नाम को शिलान्यास पट्टिका से हटा दिया गया है। मंत्री जी प्रोटोकॉल की बात कर सकते हैं, लेकिन इस बात की अनदेखी करना मेरे भावनाओं पर चोट करने जैसा है।”
ममता कुमारी ने मंत्री सत्यानंद भोक्ता पर सीधे आरोप लगाए और प्रोटोकॉल के संदर्भ में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा अन्य प्रमुख व्यक्तियों को अधिक महत्व दिया जा रहा है और उनकी अनदेखी की जा रही है।

मंत्री का बयान
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक गलती थी और उन्होंने इसे स्वीकार किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही एक नई शिलान्यास पट्टिका तैयार की जाएगी जिसमें जिला परिषद अध्यक्षा का नाम सही ढंग से शामिल किया जाएगा। मंत्री ने कहा, “यह लापरवाही हुई है और हम इसे ठीक करने के लिए त्वरित कार्रवाई करेंगे। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और सभी संबंधित व्यक्तियों की मान्यता सुनिश्चित करनी चाहिए।”

यह विवाद यह दर्शाता है कि स्थानीय राजनीति में छोटे-छोटे मुद्दे भी बड़े विवादों का कारण बन सकते हैं। जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी की उपेक्षा और ग्रामीणों की नाराजगी इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय नेताओं और अधिकारियों को स्थानीय मुद्दों और सम्मान को गंभीरता से लेना चाहिए। शिलान्यास पट्टिका में सभी महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नाम की सही तरह से उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि सभी संबंधित व्यक्तियों को उनकी भूमिका और योगदान के लिए उचित मान्यता मिले। इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में एक नई बहस को जन्म दिया है, जो स्थानीय राजनीति और विकास की प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है।


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